धान खरीदी केंद्र (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara paddy procurement News Target: जनप्रतिनिधियों के दबाव और किसानों की लगातार उठती आवाज के चलते राज्य सरकार ने एक माह पहले बंद की गई धान खरीदी को पुनः शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। 16 सितंबर को जारी आदेश के बाद भंडारा जिले में आनन-फानन में धान खरीदी केंद्र फिर से सक्रिय कर दिए गए। इस बार सरकार ने जिले के लिए 5 लाख क्विंटल धान खरीदी का नया लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी खरीदी करना संभव नहीं है और यदि ढाई लाख क्विंटल धान की भी खरीदी हो जाती है तो उसे बड़ी सफलता माना जाएगा।
गौरतलब है कि खरीदी बंद किए जाने तक जिले में 19,21,978 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी थी। अब पुनः खरीदी शुरू होने के बाद 231 केंद्रों पर कुल 20,71,395.91 क्विंटल धान की खरीदी पूरी हो चुकी है। धान खरीदी बंद होने से किसानों में भारी असंतोष था। बड़ी संख्या में किसानों का धान खरीदी केंद्रों पर ही पड़ा रहा, लेकिन सरकारी प्रक्रिया रुक जाने के कारण खरीदी नहीं हो पाई।
किसानों ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला था। राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक को कठघरे में खड़ा किया गया। इसी बीच विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने भी किसानों के पक्ष में आवाज उठाई और खरीदी दोबारा शुरू करने की मांग की। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और सितंबर मध्य से खरीदी को हरी झंडी मिल गई।
धान खरीदी तो शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को भुगतान की समस्या अब भी बनी हुई है। अब तक जिले में 48,584 किसानों से 476,42,10,593 रुपए मूल्य का धान खरीदा गया है। इनमें से केवल 23,306 किसानों को 233,67,56,737 रुपए का भुगतान किया गया है। शेष 25,278 किसानों को अभी तक भुगतान नहीं हो सका है।
बकाया राशि 242,74,53,856 रुपए है। यह रकम किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि खरीप सीजन की नई फसल के लिए उन्हें खाद और अन्य कृषि कार्यों के लिए नकदी की जरूरत है। भुगतान में हो रही देरी से किसान परेशान हैं और नाराजगी भी बढ़ रही है।
किसानों का कहना है कि धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता बेहद जरूरी है। एक ओर सरकार धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ा रही है, दूसरी ओर पहले से खरीदे गए धान का भुगतान टाल रही है। किसान इसे दोहरे रवैये के रूप में देख रहे हैं।
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भंडारा जिले में धान खरीदी का नया लक्ष्य किसानों को राहत देता दिख रहा है, लेकिन भुगतान में हो रही देरी चिंता का विषय बनी हुई है। जब तक बकाया राशि किसानों को नहीं मिल जाती, तब तक उनकी मुश्किलें कम नहीं होंगी।
प्रभारी जिला पणन अधिकारी एसबी चंद्रे ने बताया किसानों का भुगतान प्राथमिकता पर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही राशि उपलब्ध होगी, तुरंत किसानों के खातों में भुगतान किया जाएगा। कुछ राशि जल्दी आने की संभावना है और किसानों को उम्मीद है कि जल्द ही उनका बकाया चुकता कर दिया जाएगा।