धरने पर बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर (फोटो नवभारत)
Computer Operators Hunger Strike: भंडारा जिले के कंप्यूटर ऑपरेटरों का मानधन कई महीनों से बकाया है। शासन की उदासीन भूमिका के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र राज्य कंप्यूटर ऑपरेटर संगठन की ओर से सोमवार 13 अक्टूबर से जिला परिषद कार्यालय के समक्ष अन्न व जलत्याग आंदोलन शुरू किया गया।
इस आंदोलन का नेतृत्व संघ के जिला अध्यक्ष सचिन खंगार, सचिव रूपवसंत मोहतुरे और उपाध्यक्ष ओम तिबुडे ने किया। जिले के विभिन्न तहसीलों के कंप्यूटर ऑपरेटर बड़ी संख्या में इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।
ग्रामपंचायतों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों का मानधन अक्टूबर 2024 से बकाया है। जुलाई 2024 से मार्च 2025 तक की अवधि का मानधन कई लोगों को नहीं मिला, जबकि जून 2025 से अब तक एक भी किस्त वितरित नहीं की गई है।
इस स्थिति के चलते कई कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। परिवारों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, बच्चों की शिक्षा, औषधोपचार और त्योहारों के खर्च पूरे करना कठिन हो गया है। दुकानदारों ने उधार पर सामान देना बंद कर दिया है, जिससे ऑपरेटरों की परेशानी और बढ़ गई है।
संगठन ने शासन के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखी हैं, अक्टूबर 2024 से बकाया मानधन तुरंत स्वीकृत कर वितरित किया जाए, जून 2025 से नियमित रूप से मानधन समय पर देने की व्यवस्था की जाए, शासन निर्णयानुसार कोरोना काल के दौरान दिया गया सानुग्रह निधि (प्रोत्साहन भत्ता) भंडारा जिले के सभी कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्रदान किया जाए।
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गोंदिया और अन्य जिलों के ऑपरेटरों को यह भत्ता पहले ही दिया जा चुका है, जबकि भंडारा जिले के ऑपरेटर अब भी इससे वंचित हैं। संघ ने समान न्याय के आधार पर यह भत्ता तुरंत देने की मांग की है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि, यदि शासन ने मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण, अनुशासित और अहिंसक तरीके से चलाया जाएगा। शासन ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो आंदोलन को और तीव्र करने की चेतावनी भी दी गई है।