मनोज जरांगे और धनंजय मुंडे (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: बीड के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में चल रही सुनवाई में यह तथ्य सामने आया है कि आरोपी सुदर्शन घुले, जयराम चाटे और महेश केदार ने पुलिस पूछताछ में देशमुख की हत्या की बात कबूल कर ली है। घुले ने यह भी बताया है कि उसने किस तरह अपने साथियों के साथ मिल कर इस हत्या को अंजाम दिया।
जांच के दौरान जब घुले ने हत्या के आरोप से इनकार किया तो पुलिस ने उसे अवाडा कंपनी के मैनेजर से फिरौती मांगने का वीडियो दिखाया। फिर उसका सारा काला चिट्ठा खुल गया और उसने सारी बात कबूल कर ली। सूत्रों से पता चला है कि घुले समेत अन्य 2 आरोपियों ने पुलिस के सामने देशमुख का अपहरण कर हत्या करने की बात मान ली है। हाल ही की में देशमुख हत्याकांड दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई थीं। सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में देशमुख को दी गई घोर यातना से तस्वीरों को पेश किया था।
जिसमें सरपंच की था बेरहमी के साथ पिटाई के ठोस सबूत थे। इसके बाद ही कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा। आरोपियों के मुताबिक, संतोष देशमुख और गांव वालों ने अवाडा कंपनी परिसर में हमारी पिटाई की थी। उस दिन हमारे दोस्त का जन्मदिन था। देशमुख ने पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके हमें चुनौती भी दी, इस वजह से हम काफी गुस्से में थे। देशमुख अवाडा कंपनी से जबरन वसूली की प्रक्रिया में भी बाधा डाल रहे थे। उसके बाद देशमुख को रास्ते से हटाने के लिए 29 दिसंबर को विष्णु चाटे के कार्यालय में बैठक हुई, इसके बाद हम लोगों ने 9 दिसम्बर को देशमुख को किडनैप करने के बाद हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
मराठा एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि देशमुख हत्या मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ भी मर्डर का केस दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि देशमुख हत्या प्रकरण में मुंडे का भी अहम रोल है लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। मुंडे के इशारे पर सरपंच की हत्या की गई थी। इसलिए वे धारा 302 के तहत आरोपी बन जाते हैं। जरांगे ने बीजेपी विधायक सुरेश धस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार के कुछ प्रतिनिधियों ने देशमुख मामले में हस्तक्षेप किया और मुंडे को बचाया है। उन्होंने दावा किया कि पवन चक्की कंपनी से 2 करोड़ की वसूली के अलावा देशमुख हत्या की
प्लानिंग मुंडे के बंगले पर रची गई थी। देशमुख मर्डर केस के आरोपियों में शामिल सुदर्शन घुले व विष्णु चाटे ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और साथ ही यह भी कहा है कि यह हत्या मुंडे के इशारे पर की गई है। इस हिसाब से मुंडे को भी 100 फीसदी आरोपी बनाया जाना चाहिए। सत्य कभी छिपता नहीं है। चाहे आप कितनी मी कोशिश कर लें। नियति उसे स्वीकार नहीं करती।
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धनंजय मुंडे भी एक संगठित अपराधी हैं। वसूली के पैसे में उनका भी शेयर होता था। ऐसे में मुंडे को नंबर एक आरोपी के रूप में नामित किया जाना चाहिए, जरांगे ने कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और डीसीएम अजीत पवार को मुंडे को नहीं बचाना चाहिए। जरांगे ने कहा कि मुंडे ने ही मोर्चे निकलवाए, रास्ता रोको आंदोलन करवाया मेरी फोटो पर चप्पले मारने को कहा। उन्होंने मुंडे को चेतावनी देते हुए कहा कि मेरे पीछे नहीं पड़ना, अगर आगे ऐसा किया गया तो मैं नहीं छोडूंगा।