बीड में लागू निषेधाज्ञा (कंसेप्ट फोटो)
बीड: पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र का बीड जिला बेहद संवेदनशील जिला बन चुका है। बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के बाद से इस जिले में असंतोष निर्माण हो गया है। इस बीच अब महाराष्ट्र के बीड जिले पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दिया है। प्रशासन ने बीड में अब बिना अनुमति पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बीड जिले में निषेधाज्ञा का यह आदेश दो अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। एक अधिकारी ने बताया कि यह आदेश सड़क पर झगड़े और छोटी-मोटी हिंसा के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने और उसके परिणामस्वरूप हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए लगाया गया है। इस बीच जिले में छात्रों की परीक्षाओं के चलते भी स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है।
प्रशासन ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं जारी रहने के मद्देनजर पारित किया गया है। शांतिभंग की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 37 (1) (3) के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। मध्य महाराष्ट्र का बीड जिला पिछले चार महीनों से मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर सुर्खियों में है।
संतोष देशमुख हत्याकांड को लेकर बीड जिले में कांग्रेस पार्टी द्वारा मोर्चा निकाला गया था। इस मामले की तस्वीरें सामने आने के बाद ये जिला संवेदनशील जिला बन गया है। इसलिए निषेधाज्ञा लागू किया गया। इतना ही नहीं तो बीड जिले के शिरूर में एक और मामले ने सभी का ध्यान आकर्षित किया था।
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शिरूर गांव में खोक्या भाई उर्फ सतीश भोसले का हिंसक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियों में वो अपने साथियों के साथ एक व्यक्ति को पीटते हुए नजर आया। वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित ने सतीश भोसले के खिलाफ केस दर्ज कराया। इस मामले में कोर्ट ने सतीश भोसले को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।