बीड में टीचर ने की खुदकुशी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
बीड: इन दिनों बीड जिला कई तरह की वारदातों को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। अभी सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की खबर ठंडी भी नहीं हुई थी कि एक शिक्षक की खुदकुशी की खबर ने सभी को हिला कर रख दिया। शनिवार को केज तालुका के देवगांव निवासी धनंजय अभिमान नागरगोजे नामक शिक्षक ने स्वराज्य नगर परिसर के कृष्णा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के बाहर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
धनंजय अभिमान नागरगोजे केलगांव में स्थायी गैर-सहायता प्राप्त आश्रम स्कूल में शिक्षक थे। 2019 में राज्य सरकार द्वारा 20 प्रतिशत सब्सिडी की घोषणा की गई थी। हालांकि इसे लागू नहीं किया गया है।
मृतक शिक्षक ने अपने सुसाइड नोट में बेटी श्रावणी बाला से माफी मांगी है। उन्होंने लिखा कि बेटी मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं, लेकिन मैं इसके लायक नहीं हूं, मैंने तुम्हारे बारे में ढेर सारे सपने देखे थे, लेकिन वे दफन हो गए हैं। मैंने किसी के साथ कोई ठगी नहीं की। किसी को धोखा नहीं दिया, लेकिन आज मैं ऐसे लोगों के चंगुल में फंस गया हूं, जहां मेरा शोषण किया गया और अब यहां से निकलना मुश्किल है। इसलिए मैं इन राक्षसों की दुनिया से दूर जा रहा हूं।
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नागरगोजे ने फेसबुक पर लिखे मार्मिक पोस्ट में कहा कि मैं 18 साल से स्कूल में काम कर रहा हूं, लेकिन मुझे अभी तक वेतन नहीं मिला है। वेतन मांगने पर मुझे काफी पीटा गया। जब मैंने पूछा कि ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए तो स्कूल से जुड़े विक्रम बप्पा नामक शख्स ने कहा कि तुम फांसी लगा लो। तुम इसके लिए स्वतंत्र हो। वे लोग मुझे बहुत दर्द देकर मारने वाले थे। ऐसे में मेरे सामने खुदकुशी के अलावा कोई चारा नहीं है। शिक्षक ने अपनी मौत के लिए विक्रम बाबूराव मुंडे, विजयकांत विक्रम मुंडे, अतुल विक्रम मुंडे, उमेश रमेश मुंडे, ज्ञानेश्वर राजेभाऊ मुरकुटे, गोविंद (अमोल) नवनाथ आव्हाड को जिम्मेदार बताया है।