
प्रतीकात्मक तस्वीर (AI Generated)
Beed Zilla Parishad Teachers Suspended: महाराष्ट्र में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्रों के बढ़ते प्रचलन को रोकने के लिए महाराष्ट्र के दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव तुकाराम मुंडे के आदेश पर एक व्यापक सत्यापन अभियान शुरू किया गया है। इसी क्रम में, बीड जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जितिन रहमान ने अनुपालन जांच के बाद 14 शिक्षकों के निलंबन का आदेश दिया।
महाराष्ट्र के दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव तुकाराम मुंडे ने हाल ही में जिला परिषदों में दिव्यांग कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। राज्य भर में कई लोग फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरियों और योजनाओं का लाभ उठा रहे थे।
इस धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सचिव मुंडे ने कार्यभार संभालते ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस बैठक में उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र धारकों को जड़ से उखाड़ने के स्पष्ट आदेश दिए थे।
सचिव मुंडे के निर्देशों के बाद, जिला परिषद ने अपनी जांच गतिविधियां तेज कर दी हैं। जिला परिषद को इस संदर्भ में संबंधित परिपत्र प्राप्त हो गया है और विभिन्न विभागों में दिव्यांग कर्मचारियों के खिलाफ जांच इसी साल 22 सितंबर से शुरू कर दी गई है।
बीड जिले में दिव्यांगजन कर्मचारियों के सत्यापन के दौरान, अनिवार्य विशिष्ट दिव्यांगता पहचान प्रमाण पत्र (UDID) प्रस्तुत न कर पाने के आरोप में जिला परिषद के 14 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। बीड जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जितिन रहमान ने दिव्यांगता कोटे के तहत पंजीकृत कर्मचारियों की अनुपालन जांच के बाद यह सख्त कार्रवाई की। अधिकारी ने बताया कि निलंबन आदेश बुधवार को जारी किया गया था।
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जिला परिषद ने अपने सभी विभाग प्रमुखों को दिव्यांग कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। इस जांच प्रक्रिया में शिक्षक, गैर-शिक्षा कर्मचारी और अन्य सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। सीईओ अंकित (अधिकारी) ने स्पष्ट किया कि यूडीआईडी कार्ड अनिवार्य है और लाभ लेने के लिए न्यूनतम 40% विकलांगता आवश्यक है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कोई कर्मचारी 40% से कम विकलांगता होने पर भी लाभ ले रहा है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई अवश्यंभावी है। जांच में अपात्र पाए जाने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की जालसाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।






