मकोका कोर्ट (कांसेप्ट फोटो)
मुंबई : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के दो आरोपियों ने सोमवार को मकोका की एक अदालत में याचिका दायर कर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए उनके इकबालिया बयानों को वापस लेने की अर्जी दी। मामले के दोनों आरोपियों ने दावा किया कि ये बयान उन्होंने अपनी इच्छा से नहीं दिए थे। पुलिस के दबाव में वह मनमाने तरीके से गढ़ गए थे।
मामले में बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में हरियाणा के रहने वाले गुरमेल सिंह और हरीश कुमार कश्यप को सिद्दीकी की हत्या में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था।
दोनों आरोपियों ने विशेष मकोका अदालत के समक्ष दायर याचिका में यह मांग की है। गुरमेल सिंह और हरीश कुमार कश्यप ने दावा किया कि पुलिस ने जो उनके इकबालिया बयान दर्ज किये, वे उन्होंने स्वेच्छा से नहीं दिये थे। पुलिस ने मनमाने तरीके से लिखकर जबरन कबूल करवाया था।
अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने दायर याचिका में लिखा है-
“जांच अधिकारी के पास कोई सबूत नहीं है और इसलिए, केवल मौजूदा आरोपी और अन्य आरोपियों को इस झूठे मामले में फंसाने के लिए पुलिस ने यह इकबालिया बयान दर्ज किये हैं।”
याचिका में बताया गया कि गुरमेल सिंह और हरीश कुमार कश्यप जांच अधिकारी द्वारा लिए गए इकबालिया बयान को वापस लेना चाहते हैं। अदालत ने जांच एजेंसी से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस बीच, विशेष मकोका अदालत ने सोमवार को पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने पर मामले के 13 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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आपको याद होगा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री को 12 अक्टूबर को बांद्रा के निर्मल नगर में गोली मार दी गई थी और कुछ ही देर बाद पास के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।
-एजेंसी इनपुट के साथ