प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Santosh Deshmukh Murder Case News: बीड मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड़ की जमानत याचिका को मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने बुधवार 17 दिसंबर को खारिज की।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुशिल घोडेस्वार ने सुनाया। इस मामले में बीड की सत्र अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद आरोपी वाल्मिक कराड ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
शुक्रवार 12 दिसंबर को जमानत याचिका पर मुख्य सरकारी वकील अमरजीत सिंह गिरासे ने करीब छह घंटे तक विस्तृत बहस की थी। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी की गिरफ्तारी और जांच प्रक्रिया को लेकर उठाए गए सभी मुद्दों पर अपना पक्ष रखा।
मंगलवार 16 दिसंबर को हुई सुनवाई में भी अभियोजन पक्ष की ओर से करीब तीन घंटे तक बहस की गई और आरोपी पक्ष के तौ का खंडन किया गया।
इस दौरान आरोपी की ओर से जोशी ने पक्ष रखा और जांच को लेकर कुछ आपत्तियां दर्ज कराई। साथ ही न्यायालय से आग्रह किया कि इस मामले में प्रस्तावित दोष निर्धारण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए, क्योंकि आरोपी की दोषमुक्ति याचिका अभी लंबित है।
वाल्मीक कराड की बेल एप्लीकेशन खारिज होने के बाद, संतोष देशमुख की पत्नी चीफ पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमरजीत सिंह गिरासे से बात करते हुए रो पड़ीं। उस समय संतोष के भाई धनंजय देशमुख भी मौजूद थे।
देशमुख परिवार पिछले दो दिनों से सुनवाई के लिए आ रहा था। वाल्मिक के बेटे सुशील भी पिछले दो दिनों से मौजूद थे बुधवार को सुनवाई के दौरान सुशील देशमुख परिवार के पीछे बेंच पर बैठे थे। उनके वकीलों ने सुशील को फोन करके बताया था कि कोर्ट बेल एप्लीकेशन खारिज कर रहा है।
अभियोजन पक्ष की ओर से मुख्य सरकारी वकील अमरजीत सिंह गिरासे ने पक्ष रखा, जिन्हें अधिवक्ता सचिन सलगर ने सहयोग किया। शिकायतकर्ता की ओर से नितिन गवारे ने पक्ष रखा, जबकि उन्हें अधिवक्ता धनंजय पाटील का सहयोग मिला।
सुनवाई के बाद संतोष देशमुख के भाई धनंजय देशमुख ने न्यायालय परिसर के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि अब उन्हें न्याय की दिशा में राहत मिलती दिखाई दे रही है।
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पिछले कुछ दिनों से इस मामले की सुनवाई सख्त रुख के साथ चल रही थी। हर सुनवाई में यह स्पष्ट होता जा रहा था कि आरोपी को राहत मिलने की संभावना नहीं है। अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर बड़ी राहत दी है।