गोपीनाथ मुंडे की पुण्यतिथि पर भावुक नज़र आई पंकजा मुंडे (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र की पर्यावरण मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी की नेता पंकजा मुंडे ने मंगलवार को कहा कि अगर लोग उनके साथ हैं तो वह हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं। पंकजा ने पांडवों के वनवास का जिक्र करते हुए कहा कि सही और सच्चे लोगों को अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पंकजा ने अपने पिता एवं भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की पुण्यतिथि पर उनके स्मारक गोपीनाथगढ़ में एक सभा को संबोधित करते हुए अपने राजनीतिक भाषण में कौरवों और पांडवों का भी उल्लेख किया। इस मौके पर महीनों के राजनीतिक विवाद के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं पंकजा के चचेरे भाई धनंजय मुंडे पहली बार सार्वजनिक मंच पर देखे गए।
बीड सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपी वाल्मिक कराड के साथ धनंजय के संबंधों को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था, जिसके बाद उन्हें मार्च में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। पंकजा ने कहा, “सही और सच्चे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कौरवों और रावण को वनवास नहीं हुआ, लेकिन पांडवों को वनवास जाना पड़ा।
अगर लोग मेरे साथ हैं तो मैं परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार हूं।” पिता के निधन के बाद से अपने सफर के बारे में पंकजा ने कहा, “मैं पिछले 11 वर्षों से इस मंच से बोल रही हूं। जब गोपीनाथ मुंडे इस दुनिया से गए तो ऐसा लगा जैसे हम पर बिजली गिर गई हो।”
लोकनेते गोपीनाथराव मुंडे साहेबांच्या ११ व्या पुण्यस्मरण दिनानिमित्त आज गोपीनाथगड येथे आयोजित कार्यक्रमात रामायणाचार्य ह.भ.प रामराव महाराज ढोक यांच्या सुश्राव्य कीर्तनाचे श्रवण केले. तसेच याप्रसंगी आलेल्या उपस्थितांशी संवाद साधला.
यावेळी कुटुंबीय धनंजय मुंडे, प्रितमताई मुंडे,… pic.twitter.com/5VrMRWyo7S
— Pankaja Gopinath Munde (@Pankajamunde) June 3, 2025
महाभारत से एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “द्रौपदी पर जब संकट आया तो सभी से गुहार लगाई, लेकिन उसने शुरू में भगवान कृष्ण को आवाज नहीं लगाई। जब द्रौपदी ने उन्हें पुकारा तो वह मदद के लिए प्रकट हो गए। यहां तक कि भगवान भी हमें तब तक कुछ नहीं देते, जब तक हम खुद नहीं मांगते।” इस अवसर पर धनंजय मुंडे ने कोई भाषण नहीं दिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)