छत्रपति संभाजी नगर (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News: दस्त पंजीकरण के लिए संपत्ति मूल्य का 7 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लिया जाता है, लेकिन कई लेन-देन मामलों में कम कीमत दिखाकर दस्तों को पंजीकृत किया जाता है। इस कारण से सरकार को स्टाम्प शुल्क भी कम देना पड़ता है।
ऐसी शिकायतें अब मिल रही हैं कि विशेष रूप से शहर व उसके आसपास के क्षेत्रों में संपत्तियों के पंजीकरण में ऐसी चीजें करके गड़बड़ी हो रही हैं। 20 लाख रुपए से अधिक मूल्य के दस्त अब दोयम पंजीयकों के रडार पर आ गए हैं।
उनके सत्यापन किए जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। संपत्ति की खरीद-बिक्री के कई लेन-देन के मामलों में कम कीमत दिखाकर बड़े पैमाने पर राजस्व की हेराफेरी की जा रही है।
ऐसा कहा जाता है कि रेडी रेकनर से कम मूल्य दिखाकर या कमियां निकालकर दस्तावेजों का पंजीकरण किया गया था। कुछ लोगों ने इस सबंध में पंजीकरण उप महानिरीक्षक विजय भालेराव से शिकायत की है। इसलिए, अब भालेराव ने शहर व जिले के सभी दोयम पंजीयन कार्यालयों से 20 लाख से अधिक के लेनदेन की जानकारी मांगी है। जिले में दस्त पंजीकरण के 13 दोयम पंजीयक कार्यालय है। इनमें से पांच कार्यालय अकेले छत्रपति संभाजीनगर में है। अन्य शेष आठ कार्यालय जिले के तहसीलों में है।
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ऐसी शिकायतें मिलने के बाद में पंजीयन उप महानिरीक्षक विजय भालेराव ने दोयम पंजीयक कार्यालयों से पिछले कुछ महीनों में उनके यहां पंजीकृत 20 लाख रुपए से अधिक मूल्य के दस्त की जानकारी मांगी है। भालेराव ने बताया कि इन दस्तावेजों की जानकारी मिलने के बाद, पंजीकरण उप महानिरीक्षक कार्यालय के नगर रचनाकार के माध्यम से इसकी जांच की जाएगी। यदि कोई अनियमितता इसमें पाई जाती है, तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।