धनंजय मुंडे ने किया संबोधित (सौजन्य-एक्स)
Dhananjay Munde: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने गुरुवार को कहा कि एक कथित घोटाला मामले में अदालत से ‘क्लीन चिट’ मिलने के बावजूद वह अब भी सजा भुगत रहे हैं। मुंडे, अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP से हैं। पिछले साल दिसंबर में मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में उनके करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड को ‘साजिशकर्ता’ बताए जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने इस साल मार्च में इस्तीफा दे दिया था।
इस साल अगस्त में कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने आरोप लगाया था कि मुंडे ने मंत्री रहते हुए महाराष्ट्र के कृषि विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतों की एक रिपोर्ट वाली फाइल गायब करवा दी थी। मुंडे पिछली एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में कृषि मंत्री थे। वर्तमान सरकार में उनके पास एक अलग विभाग था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
अपनी चचेरी बहन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता एवं राज्य की मंत्री पंकजा मुंडे के साथ बीड जिले के सावरगांव घाट में एक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पहले जब मैं ‘मीडिया ट्रायल’ से गुजर रहा था, तो मेरी बहन और महायुति ने मेरा समर्थन किया था। कुछ लोगों ने मुझ पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख किया। अदालत ने मुझे क्लीन चिट दे दी और याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया, लेकिन मैं अब भी सजा भुगत रहा हूं।”
हाल में हुई भारी बारिश और बाढ़ का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले तक इस रैली के आयोजन के लिए हालात अनुकूल नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पंकजा ने इस रैली का आयोजन करने का फैसला किया, क्योंकि यह एक वार्षिक परंपरा है। आज मैं सिर्फ एक विधायक हूं, लेकिन मेरी बहन मंत्रिमंडल में हैं। वह प्रभावित किसानों के लिए अधिकतम सहायता दिलवाएंगी।”
यह भी पढ़ें – पंकजा मुंडे की रातों की उड़ी नींद, कहा- मराठों को आरक्षण दें, लेकिन ओबीसी के हिस्से से नहीं
उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि पंकजा दशहरा रैली की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि किसी का आरक्षण लेकर किसी और को देना स्वीकार्य नहीं है। मुंडे ने मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे की ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों को कोटा देने की मांग और इस संबंध में सरकार के जीआर का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आपको किसी समुदाय का कोटा बढ़ाना चाहिए, लेकिन इसे किसी से छीनकर किसी और को देना स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)