छत्रपति संभाजी नगर (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: समूचे राज्य के साथ ही मराठवाड़ा में भी विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में बड़ी धांधली सामने आई है। सबसे अधिक गड़बड़ी भोकरदन विस निर्वाचन क्षेत्र में होने की पुष्टि हुई है।
समूचे देश में ‘लोकशाहीचा जागर’ अर्थात ‘लोकतंत्र का जागरण’ कार्यक्रम चलाकर महायुति के कामकाज का पर्दाफाश नागरिकों के सामने करने का संकल्प कांग्रेस का जायजा बैठक में किया गया। स्थानीय निकाय चुनाव के आलोक में कांग्रेस ने मराठवाड़ा के पांच जिलों की जायजा बैठक 25 अगस्त को शहर स्थित शिवसेनेरी लॉन्स में ली जिसमें प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने संगठनात्मक ढांचा मजबूत कर चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए।
ब्लॉक अध्यक्षों ने अपने नियोजन से अवगत कराया। जिला, ब्लॉक व स्थानीय स्तर पर चुनाव का सूक्ष्म नियोजन करने मंत्रणा की गई।इसके लिए सहयोगी दलों से संवाद साधकर उचित निर्णय लेने के निर्देश भी प्रदेशाध्यक्ष सपकाल ने दिए।धर्म के नाम पर हो रही आपराधिक घटनाओं व समाजों को एक दूसरे से लड़ाने पर सपकाल ने चिंता जताई और कहा कि कांग्रेस सभी धर्म के लोगों को साथ में लेकर काम करती है।ऐसे में कार्यकर्ताओं को चाहिए कि, वे पार्टी के विचार जन-जन तक पहुंचाएं।
सपकाल ने कहा कि, स्थानीय निकाय चुनाव खुद के बूते लड़े या सहयोगी दलों संग इसका निर्णय आला स्तर पर नहीं होगा, बल्कि जिला, तहसील व शहर स्तर के पदाधिकारियों को यह अधिकार बहाल किया गया है।सहयोगी दलों से चर्चा करने, उनकी आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने, – संगठनात्म ढांचा मजबूत करने के निर्देश भी प्रदेशाध्यक्ष ने दिए।कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के प्रयासों के -चलते पार्टी को जनसमर्थन मिल रहा है इसका लाभ चुनाव में लेने की अपील भी उन्होंने कार्यकर्ताओं से की।
सपकाल ने केंद्र व राज्य सरकारों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, वर्तमान स्थिति में लोकतंत्र खतरे में है। उनका कहना रहा कि, जिन्हें पार्टी छोड़कर जाना है, वे जा सकते हैं। क्योंकि जनता कांग्रेस के साथ है व पार्टी सामान्य कार्यकर्ताओं के बूते आगे बढ़ रही है।सहयोगी दलों को लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के निर्देश भी उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं को दिए। इस अवसर पर सांसद कल्याण काले, जिलाध्यक्ष किरण पाटील डोणगांवकर, शहराध्यक्ष शेख युसुफ मौजूद थे।
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सपकाल ने कहा कि मराठा समाज को शिक्षा व नौकरी में आरक्षण देने पार्टी आग्रही है व हमने आरक्षण दिया भी था। जातिनिहाय जनगणना की मांग केंद्र ने मंजूर करने के बाद तेलंगाणा, कर्नाटक व हिमाचल प्रदेश में इस दिशा में कदम उठाए गए।50 फीसदी की सीमा में सभी वर्गों को शामिल करने की नीति कांग्रेस शासित प्रदेशों में अपनाई गई है।जातिनिहाय जनगणना कर मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग सपकाल ने की।