प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar Municipal Election: छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका चुनाव में भाजपा-शिंदे सेना गठबंधन के सीट बंटवारे को लेकर शिंदे सेना में तीव्र असंतोष उभर आया है।
निश्चित रूप से जीतने वाली सात से आठ सीटों के हाथ से निकलने की आशंका के चलते शिंदे सेना के जिलाध्यक्ष राजेंद्र जंजाल ने पहले सीधे चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी।
इस घोषणा के बाद समर्थनगर स्थित शिवसेना के केंद्रीय प्रचार कार्यालय में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। इस ड्रामे के बाद शिंदे सेना के आला नेताओं ने जंजाल को समझाने के बाद उन्होंने चुनाव न लड़ने का अपना फैसला वापस लिया।
इधर, इस ड्रामे के बीच टिकट बंटवारे पर हो रहे घमासान के दरमियान पालकमंत्री शिरसाट के घर पुलिस बंदोबस्त बढ़ाया गया। सोमवार दोपहर करीब तीन बजे महानगर प्रमुख शारदा घुले महिला कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय पहुंचीं। कुछ दिन पहले प्रभाग क्रमांक आठ से उम्मीदवारी तय होने की जानकारी दी गई थी।
इससे नाराज कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए रोष जताया। न्याय मिलने तक कार्यालय न छोड़ने का रुख शारदा घुले ने अपनाया। इन घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में जिलाध्यक्ष जंजाल ने स्पष्ट कहा कि यदि सीटें कम मिल रही हैं तो मेरे लिए सीट न रोकी जाए।
यदि कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हो रहा है तो मैं स्वयं चुनाव से हटने को तैयार हूं। इस दौरान कार्यालय में मौजूद विधायक प्रदीप जायसवाल से यह कहते हुए कि मैं घर जा रहा हूं, जंजाल भावुक अवस्था में कार्यालय से बाहर निकल गए।
महानगरपालिका चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना महायुति में गठबंधन पर सोमवार की देर रात तक भी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। सोमवार को हुई दोनों दलों की 10 वीं बैठक भी निर्णायक साबित नहीं हुई।
नामांकन भरने का कल मंगलवार को अंतिम दिन है। ऐसे में इच्छुक उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ गई है। शिंदे सेना ने साफ संकेत दिया है कि सम्मानजनक सीट बंटवारा हुआ तो गठबंधन में चुनाव लड़ा जाएगा, अन्यथा स्वतंत्र रास्ता खुला है।
महायुति के प्रमुख घटक दल भाजपा व शिंदे सेना के पदाधिकारियों के बीच गठबंधन को लेकर 10 वीं बैठक सोमवार को हुई। उस बैठक के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष किशोर शितोले ने कहा कि तीन-चार सीटों पर सहमति बाकी है और जल्द ही गठबंधन की घोषणा होगी। वहीं विधायक केणेकर ने बताया कि दस साल बाद चुनाव होने से हर कार्यकर्ता को न्याय देने के प्रयास में निर्णय में देरी हो रही है।
इस बीच यदि शिवाजी नगर, विष्णु नगर सहित मजबूत इलाकों के कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिला तो गठबंधन स्वीकार नहीं किया जाएगा, ऐसी कड़ी भूमिका जंजाल ने रखी है।
इन घटनाओं से शहर का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि सीट बंटवारे का यह पेंच सुलझता है या संघर्ष और गहराता है।
इस बीच जंजाल जब पालकमंत्री शिरसाट के निवास पर पहुंचे, तब उनके साथ शिवाजी नगर व विष्णु नगर इलाके की सैकड़ों महिलाएं साथ थी। जिससे वहां तनाव की स्थिति देख तत्काल उनके बंगले के पास पुलिस बंदोबस्त बढ़ाया गया।
इधर, जंजाल ने साफ कहा कि शिवाजी नगर, विष्णु नगर यह शिंदे सेना के गढ़ है। यहां के सभी प्रभागों में महायुति में शिंदे सेना को ही उम्मीदवारी मिलनी चाहिए।
भूमिका से शिरसाट इस के घर काफी देर तक तनाव बरकरार था। भाजपा-शिवसेना गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन वास्तविक सीट बंटवारे को लेकर शिंदे सेना में बेचैनी बढ़ती जा रही है।
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निश्चित जीत वाली कुछ सीटें गठबंधन में न मिलने से कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है। अंततः पालकमंत्री संजय शिरसाट ने देर रात कार्यकर्ताओं से संवाद कर गठबंधन की सीमाएं, राजनीतिक गणित और परिस्थितियां समझाने का प्रयास किया।