प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Chhatrapati Sambhajinagar Fake Robbery: छत्रपति संभाजीनगर के उस्मानपुरा क्षेत्र के श्रेय नगर में बीते दिन कार चालक पर हमला कर 27 लाख 5 हजार 910 रुपए की नकदी उड़ाने की घटना की गुत्थी सुलझ गई है। यह पैसे न किसी ने हमला कर उड़ाए थे और न ही किसी ने आंखों में मिर्च पाउडर डाला था। बल्कि 10 से 15 लाख रुपए का कर्ज चुकाने के लिए चालक ने ही यह हरकत की।
क्राइम पेट्रोल सीरियल देखकर उस्मानपुरा पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश नाकाम हुई। मामले को गंभीरता को देखकर शहर क्राइम ब्रांच पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए शिकायकर्ता के चालक गणेश ओंकारराव शिंदे (48) व साजिशकर्ता उसका बेटा अमोल शिंदे (बदनापुर, जिला जालना) को दबोच लिया। उनसे 25 लाख रुपए जब्त किए गए हैं।
क्राइम ब्रांच के पीआई गजानन कल्याणकर ने बताया कि जालना एमआईडीसी स्थित आयकॉन स्टील कंपनी में नौकरी करने वाले दिनेश साबू (45) ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि 28 अक्टूबर की सुबह 10.30 बजे उन्होंने घर से कंपनी जाने के लिए चालक गणेश को कपड़े की थैली में रखी 27 लाख 5 हजार 910 रुपए की नकदी वाहन में रखने के लिए कहा।
यह राशि उन्होंने 27 अक्टूबर को नासिक जिले के विभिन्न दुकानदारों से ली थी। शिंदे ने गुमराह करते हुए कहा कि जब वह पैसे कार (एमएच-21-सीए-4575) में रख रहा था, तब मुंह ढके हुए दो लोग वाहन के पिछले दरवाजे से घुस गए व उसके हाथ से पैसों की थैली छीनने की कोशिश की।
गणेश के विरोध करने पर बदमाश उसके हाथ पर धारदार लोहे के कटर से वार कर पैसों से भरी थैली लेकर फरार हो गए। उस्मानपुरा पुलिस थाने में इस मामले में फिर्यादी दिनेश साबू के शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी अमोल शिंदे ने पुलिस को बताया कि कुछ महीने पहले उसके पिता ने घर बनाया है व उसकी दादी भी अक्सर बीमार रहती हैं। ऐसे में गणेश ने अमोल को पैसों के इकट्ठा व जमा होने की जानकारी दी थी।
अमोल ने क्राइम पेट्रोल सीरियल देखकर वह रकम उड़ाने की साजिश रची। गणेश ने खुद पर कटर से वार कर लूट का बहाना करते हुए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।
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पुलिस ने दोनों आरोपी पिता पुत्र को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शहर के प्रभारी सीपी सुधीर हिरेमठ, क्राइम ब्रांच डीसीपी रत्नाकर नवले, एसीपी संपत शिंदे के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच के पीआई गजानन कल्याणकर, एपीआई विनायक शेलके, पीएसआई अर्जुन कदम, संदिप काले, अभिजीत चिखलीकर आदि ने पूरी की।
घटना की जानकारी मिलने पर आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे व जांच शुरू की। क्राइम ब्रांच के पीआई गजानन कल्याणकर व टीम ने जब चालक गणेश शिदे से पूछताछ शुरू की, तो उसके बयान में विसंगति मिली। जब पुलिस से सख्ती से पूछताछ की तो उसने तोते की तरह बोली बोलते हुए अपना अपराध कबूल करते हुए कहा कि बेटा अमोल शिंदे के साथ साजिश रचते हुए यह रकम उड़ाई।
आरोपी चालक शिंदे ने पुलिस को बताया कि उसने कुछ माह पूर्व ही खुद के घर का काम करने व पत्नी बीमार रहने से उस पर 10 से 15 लाख रुपए का कर्ज हुआ था। यह कर्ज अदा करने के लिए उसने इस घटना को अंजाम दिया।