उपमुख्यमंत्री अजित पवार (सौ. सोशल मीडिया )
Deputy CM Ajit Pawar Statement: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने ‘वोट दो, फंड मिलेगा’ वाले विवादित बयान पर सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उन पर पिछले 35 वर्षों में तरह-तरह के आरोप लगते रहे हैं लेकिन उन पर ‘किसी का कोई कर्ज नहीं’ है।
परभणी जिले के जिंतुर में 2 दिसंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि मीडिया उनकी हर बात पर कड़ी नजर रखता है और किसी भी मुद्दे को तुरंत उनसे जोड़ देता है।
उन्होंने कहा कि वे आचार संहिता का सम्मान करते हैं और सार्वजनिक कामकाज में कभी-कभी भूल हो सकती है। पवार ने शुक्रवार को पुणे जिले की बारामती तहसील के मालेगांव नगर पंचायत प्रचार में कहा था कि अगर जनता उनके उम्मीदवारों को चुनेगी तो फंड की कमी नहीं होगी लेकिन अगर उन्हें ‘नकार’ दिया गया तो वह भी ‘नकार’ देंगे।
इस बयान पर विपक्ष ने उन्हें घेरते हुए माफी की मांग की थी। विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आचार संहिता की समझता हूं और इसका उल्लंघन नहीं होना बाहिए। अनेक आरोपों के बावजूद मैं जानता हूं कि मैं किसी का ऋणी नहीं हूं।
जिंतुर चुनाव से पहले उन्होंने क्षेत्र के विकास का आश्वासन दिया और कहा कि विकास कार्यों से प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कुछ गैर सरकारी समूह मतदाताओं के घर जाकर निजी जानकारी मांग रहे है और ‘कानून सबके लिए समान होना चाहिए।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजीत पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उनका बचाव किया था। अजीत ने रविवार को फंड को लेकर भेदभाव की बात को खारिज कर दिया था और कहा था कि सरकार का लक्ष्य सभी क्षेत्रों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि भले ही हमारे सहयोगी या किसी ने ऐसा कहा ही लेकिन – यह उनका इरादा नहीं था और वे कभी भी ऐसा भेदभाव नहीं करेंगे।