कांग्रेस विधायक असलम शेख (pic creditl; social media)
Maharashtra Assembly News: क्रॉफर्ड मार्केट स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज मार्केट से मछुआरों को हटाने का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में उठा। कांग्रेस के मालवणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक असलम शेख ने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या सरकार मुंबई के मछुआरों को बर्बाद करने की साजिश रच रही है?
असलम ने पूरी दृढ़ता के साथ कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज मार्केट पर असली अधिकार मछुआरे भाइयों का ही है। इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मछुआरों को खदेड़ कर लैंड डेवलपर को दे दिया है।
मछली व्यवसाय का मुख्य केंद्र है छत्रपति शिवाजी महाराज मंडई
विधायक असलम शेख ने विधानसभा में कहा कि कोली समुदाय के लोग मुंबई के मूल भूमिपुत्र हैं। लेकिन सरकार उन्हें बर्बाद करने की साजिश रच रही है। मछली बाजारों के परमिट रद्द किए जा रहे हैं। लगभग 50 वर्षों से मछली व्यवसाय का मुख्य केंद्र रहे छत्रपति शिवाजी महाराज मंडई का हर साल दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है। वसई, वर्सोवा, रायगढ़, रत्नागिरी से लेकर मालवण तक, पूरे कोंकण तट से मछली उत्पादक यहां बिक्री के लिए आते हैं।
मछुआरे दे रहे हैं ज्यादा पैसा!
विधायक असलम ने कहा कि कोली समुदाय ने मार्केट की जमीन 400 करोड़ रुपए में 30 साल के पट्टे पर लेने की इच्छा जताई है। लेकिन सरकार ने भूखंड के आरक्षण को रद्द करके इसे ‘आवा डेवलपर’ को 30 साल के लिए 369 करोड़ रुपये और अगले 30 साल के लिए केवल 1 से 1001 रुपये में पट्टे पर देने का निर्णय लिया है, ऐसा आरोप कोली संगठन लगा रहे हैं। ऐसा दावा करते हुए असलम ने सवाल किया कि यदि कोली संगठन 50 करोड़ रुपए अधिक देकर अपना मार्केट बचाने का प्रयास कर रहे हैं, तो फिर यह भूखंड बिल्डर के गले क्यों डाला जा रहा है?
महाराष्ट्र के समुद्र में दूसरे राज्य के ट्रॉलर क्यों?
विधायक असलम ने इस मौके पर महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र में दूसरे राज्यों के ट्रॉलरों द्वारा अनधिकृत रूप से मछली पकड़ने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि गश्ती नौकाओं के अभाव और मछली पकड़ने पर प्रतिबंध होने के दौरान भी दूसरे राज्यों की मछली पकड़ने वाली नावें महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ रही है। उन्होंने अंत में कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मछुआरों पर भी किसानों की तरह आत्महत्या करने की नौबत आ जाएगी।