फर्जी शिक्षक भर्ती को लेकर अनिल देशमुख हमलावर
नागपुर: राज्य के पूर्व गृह मंत्री और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने नागपुर में फर्जी शिक्षक भर्ती, मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई, शरद पवार-अजित पवार पर भी टिप्पणी की है।
अनिल देशमुख ने कहा कि नागपुर जिले में फर्जी शिक्षक भर्ती का मामला उजागर हुआ है। यह घोटाला व्यापम से भी बड़ा घोटाला लग रहा है। 20 से 30 लाख रुपए लेकर फर्जी नियुक्तियां की गईं। अनिल देशमुख ने दावा किया कि नागपुर जिले में 1058 शिक्षक फर्जी हैं।
आगे बोलते हुए अनिल देशमुख ने कहा, कई शिक्षकों को यह भी नहीं पता कि मैं किस स्कूल में हूं। कई जगहों पर फर्जी नियुक्तियां की गई हैं। इसमें हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और इस मामले की सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से जांच होनी चाहिए। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि वे इसे क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं। जो भी इसके लिए दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री नागपुर से हैं, यह तो उनके अपने शहर में हुआ है।
अनिल देशमुख ने कहा, चर्चा है कि शरद पवार और अजित पवार की पार्टियां एक साथ आएंगी। लेकिन ये सच नहीं है। सिर्फ मीडिया में ऐसी चर्चाएं चल रही हैं। चुनाव तीन-चार साल बाद होने वाले हैं। वरिष्ठ स्तर पर एक साथ आने की कोई बात नहीं हो रही है। हालांकि, अगर ऐसा कुछ होता है तो इसकी घोषणा की जाएगी।
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क्या शरद पवार और अजित पवार एक साथ आएंगे?
पिछले कुछ दिनों से राज्य के राजनीतिक गलियारों में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और वरिष्ठ नेता शरद पवार के फिर से एक साथ आने की चर्चा जोरों पर है। इन चर्चाओं की पृष्ठभूमि में शिंदे गुट के नेता और राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन एक पारिवारिक विभाजन है। इसलिए, उनके एक साथ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, संजय शिरसाट ने कहा। लेकिन उनके बयान से राजनीतिक हलकों में गरमागरम चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए संजय शिरसाट ने कहा, उद्धव ठाकरे का दोनों कांग्रेस पार्टियों के साथ गठबंधन करना गलत था। हम उन्हें पहले से ही यह बता रहे थे। लेकिन अब उन्हें इसका एहसास हो रहा है। एनसीपी के सदस्य लंबे समय तक आपके साथ नहीं रहेंगे। हम अक्सर उनसे यही कहते थे। लेकिन अब उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। वे तदनुसार आलोचना कर रहे हैं। यद्यपि नेशनलिस्ट पार्टी में इस विभाजन को पारिवारिक मामला माना जा रहा है, लेकिन उनके पुनर्मिलन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।