अप्पर वर्धा बांध (फाइल फोटो)
Amravati News: इस वर्ष अमरावती जिले में अच्छी बारिश के चलते जिले के अधिकांश जलप्रकल्प पूरी तरह भर गए हैं, जिससे किसानों को सिंचाई को लेकर बड़ी उम्मीदें जगी हैं। जिले में कुल 56 जलप्रकल्प हैं, जिनमें सबसे बड़ा अप्पर वर्धा प्रकल्प है। इसके अलावा 7 मध्यम और 48 लघु प्रकल्प कार्यरत हैं।
लेकिन इन सभी प्रकल्पों से निकलने वाली नहरों की जर्जर स्थिति के कारण किसानों को इनका कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है। सिंचाई विभाग ने 10 नवंबर से किसानों से इन नहरों के माध्यम से सिंचाई शुरू करने की अपील की है। हालांकि, अप्पर वर्धा को छोड़कर बाकी प्रकल्पों से सिंचाई की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। अप्पर वर्धा से निकलने वाली नहरों की स्थिति भी बेहद दयनीय है।
जिले के मोर्शी, चांदूर बाजार, तिवसा, चांदूर रेल्वे, धामणगांव रेल्वे और वर्धा क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा है, लेकिन इन इलाकों की नहरों में झाड़ियों के अतिक्रमण, गाद जमा होने और मरम्मत के अभाव के चलते जलप्रवाह बाधित होता है। करोड़ों रुपये खर्च कर तैयार की गई।नहरें मरम्मत के अभाव में बेकार हो रही हैं। शहानूर, चारगड, पूर्णा, चंद्रभागा, सपन जैसे प्रकल्पों से निकलने वाली नहरें भी खस्ताहाल हैं। अमरावती जिले का उत्तर भाग पहाड़ी और वनवर्ती होने के कारण वहां नहरों का जाल बिछाना मुश्किल है। वहीं मध्य भाग में पूर्णा नदी के गादयुक्त क्षेत्र के कारण जलनिकासी में दिक्कत आती है।
अप्पर वर्धा प्रकल्प से रबी मौसम के लिए 94 दिनों तक पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें 5 बार नहरों के माध्यम से पानी छोड़ा जाएगा। सिंचाई के लिए दाएं मुख्य नहर की 22.44 किमी और बाएं मुख्य नहर की 14.34 किमी तक लाभधारकों को पानी मिलेगा। किसानों से 10 नवंबर से पहले संबंधित विभाग में आवेदन करने की अपील की गई है।
चरण
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पानी आपूर्ति अवधि
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नहर बंद अवधि
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1
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15 नवंबर–5 दिसंबर
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6–12 दिसंबर
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2
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13 दिसंबर–3 जनवरी
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4–10 जनवरी
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3
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11–27 जनवरी
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28 जनवरी – 3 फरवरी
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4
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4–20 फरवरी
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21–27 फरवरी
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5
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28 फरवरी–15 मार्च
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उसके बाद नहर बंद
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मुख्य जलप्रकल्पों की स्थिति (अक्टूबर 2025)
प्रकल्प
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क्षमता (दशमी)
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भराव प्रतिशत
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अप्पर वर्धा
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564
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100%
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शहानूर
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46.04
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93.11%
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चंद्रभागा
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41.25
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99.99%
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पूर्णा
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35.37
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98.52%
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सपन
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38.60
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95.52%
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पंढरी
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56.41
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32.94%
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गर्गा
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26.45
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0.00%
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बोर्डी नाला
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12.12
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30.12%
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इस वर्ष नवंबर से मार्च के बीच सिंचाई के लिए पांच चरणों में पानी दिया जाएगा। इच्छुक किसानों को संबंधित कार्यालय में निःशुल्क आवेदन फॉर्म उपलब्ध हैं।