अमरावती फूल बाजार (सौ. सोशल मीडिया )
Amravati News In Hindi: दिवाली का त्योहार हो और झेंडे फूलों की खुशबू न हो, यह कल्पना भी नहीं की जा सकती। हर गली-मोहल्ले में पीले और केसरिया फूलों की झालरें, तोरण और सजावट गेंदा फूल के बिना अधूरी लगती हैं। लेकिन इस बार फूलों के दामों में बाजार में अनपेक्षित गिरावट देखी गई।
जहां पिछले साल गेंदा फूल 200 प्रति किलो तक बिके थे, वहीं इस साल दिवाली के अंतिम दिनों में यह दर 10 से 25 प्रति किलो तक गिर गई। कई विक्रेताओं ने उम्मीद से ज्यादा फूल खरीदे और दुकानें बढ़ाईं, लेकिन बाजार में फूलों की भारी आवक के चलते मांग की तुलना में आपूर्ति कहीं अधिक रही।
नतीजतन, झेंडू के फूलों की कीमतें औंधे मुंह गिर पड़ीं। कुछ विक्रेताओं को अपने फूल मंदिरों में चढ़ाने पड़े, जबकि कई को उन्हें सड़क किनारे फेंकना पड़ा। जहां गेंदा फूल विक्रेताओं को नुकसान होने के बाद व्यापार के बाद उनके व्दारा रास्ते किनारे पर ही फूलों को फेंका गया। वही अन्य फूटकर विक्रेताओं ने भी दिवाली के दिन व्यापार कर अपना सामान रास्ते पर ही फेंक देने से दिवाली के मौके पर भी शहर के कई चौराहों पर कचरा और गंदगी का साम्राज्य दिखाई दिया।
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कुछ फूल विक्रेताओं ने उधारी पर फूल खरीदे थे, जिन्हें बेच नहीं पाने के कारण वे अब कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। इस मंदी ने उनकी दिवाली फीकी कर दी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मौसम झेंडे की खेती के लिए अनुकूल रहा। जिससे कई जिलों से भारी मात्रा में फूलों की आवक अमरावती बाजार में हुई। इससे कीमतें नियंत्रण से बाहर हो गईं। फूल उत्पादकों और विक्रेताओं को आवक और मांग का संतुलन साधने की योजना बनानी चाहिए। इससे भविष्य में ऐसे नुकसान से बचा जा सकता है। हालांकि बाजार की मंदी ने कई व्यापारियों को निराश किया, फिर भी उनमें से अनेक ने बची हुई फूलों को मंदिरों में चढ़ाकर भक्तिभाव और सकारात्मकता का उदाहरण पेश किया।