अमरावती न्यूज, फोटो- नवभारत
Amravati Municipal Election candidate list 2025: जिले की राजनीति के केंद्र अमरावती महानगरपालिका में लगभग 9 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद चुनावी बिगुल बज चुका है। शहर के 22 प्रभागों की कुल 87 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीयों को मिलाकर कुल 765 नामांकन पत्र मनपा प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, 31 दिसंबर को नामांकन पत्रों की छंटनी की जाएगी, जबकि 2 जनवरी को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। इसके पश्चात 3 जनवरी को उम्मीदवारों को उनके आधिकारिक चुनाव चिन्हों का आवंटन कर दिया जाएगा।
इस बार के चुनावी रण में सबसे दिलचस्प तस्वीर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) ने पेश की है। सभी बड़े दलों को पीछे छोड़ते हुए राकांपा (अजीत गुट) ने शहर की सभी 87 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी की यह आक्रामक रणनीति अन्य प्रतिद्वंद्वियों के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है। वहीं, उम्मीदवारों के चयन के मामले में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही है। कांग्रेस ने महाविकास आघाड़ी के तहत शिवसेना (उबाठा), राकांपा (शरद पवार) और मनसे के साथ समन्वय करते हुए कुल 75 सीटों पर अपने योद्धा उतारे हैं। कांग्रेस ने अपने कोटे से शिवसेना (उबाठा) को 12 सीटें प्रदान की हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार संभलकर कदम उठाते हुए 19 प्रभागों में कुल 69 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने प्रभाग संख्या 4, 15 और 16 में अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं दिया है। पार्टी ने अपने सहयोगी दल ‘युवा स्वाभिमान पार्टी’ को 9 सीटें आवंटित की हैं। दूसरी ओर, शिवसेना (शिंदे गुट) ने भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के तुरंत बाद अपनी ताकत दिखाते हुए 71 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। शिंदे सेना की इस त्वरित प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया कि वे पहले से ही ‘एकला चलो’ की तैयारी में थे। शिंदे सेना ने केवल प्रभाग 4, 12, 15 और 16 को छोड़कर शेष सभी स्थानों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं।
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नामांकन के आंकड़ों के अनुसार विभिन्न दलों की स्थिति इस प्रकार है:
भले ही राजनीतिक दलों ने गठबंधन के दावे किए हों, लेकिन धरातल पर कई सीटों पर ‘मैत्रीपूर्ण भिड़ंत’ के आसार नजर आ रहे हैं। विशेषकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बीच कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। वहीं भाजपा और युवा स्वाभिमान पार्टी के बीच सीटों के तालमेल को लेकर कार्यकर्ताओं में अभी भी ऊहापोह की स्थिति है। 2 जनवरी को नाम वापसी के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि असल मुकाबला किन दिग्गजों के बीच होने जा रहा है। फिलहाल, 765 उम्मीदवारों की भारी संख्या ने प्रशासन और पुलिस बल की जिम्मेदारी बढ़ा दी है।