आयुक्त रामबाबू नारुकुल्ला (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News: महाराष्ट्र लोकसेवा अधिकार अधिनियम 2015 को नागरिकों को सेवाओं का अधिकार देने वाला एक क्रांतिकारी कानून बताते हुए राज्य सेवा अधिकार आयुक्त रामबाबू नारुकुल्ला ने अकोला जिले में इसकी प्रभावी अमल के लिए सभी शासकीय यंत्रणाओं को निर्धारित समयसीमा में कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
यह निर्देश नियोजन भवन, अकोला में आयोजित बैठक में दिए गए, जिसकी अध्यक्षता स्वयं आयुक्त नारुकुल्ला ने की। बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीता मेश्राम, महापालिका आयुक्त डा। सुनील लहाने, उपविभागीय अधिकारी डॉ। शरद जावले, मनोज लोणारकर, संदीप अपार, तथा जिले के सभी तहसीलदार, गटविकास अधिकारी और विभिन्न विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
नारुकुल्ला ने कहा कि इस अधिनियम के तहत नागरिकों को विहित समयसीमा में अधिसूचित सेवाएं मिलनी चाहिए। यदि सेवा समय पर नहीं दी जाती है, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाती है। उन्होंने विभाग प्रमुखों से कहा कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों का नियमित मूल्यांकन करें और अधिनियम की जनजागृति के लिए भी प्रयास करें।
उन्होंने यह भी बताया कि नंदुरबार जिला इस अधिनियम के अमल में राज्य में अग्रणी है, जबकि अकोला जिले की स्थिति सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने चिंता जताई कि अधिनियम लागू हुए कई वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी कुछ अधिकारी इससे अनभिज्ञ हैं, जो एक गंभीर स्थिति है। इसे सुधारने के लिए सभी संबंधित विभागों को ठोस कार्यवाही करनी होगी।
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नारुकुल्ला ने स्पष्ट किया कि आवेदक को न्याय दिलाना सभी अधिकारियों का कर्तव्य है और इसके लिए समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि अधिनियम की सफलता तभी संभव है जब प्रत्येक विभाग प्रमुख जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करे। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर अपने अनुभव साझा किए और आगे की रणनीति पर चर्चा की। इस बैठक के माध्यम से अकोला जिले में लोकसेवा अधिकार अधिनियम की सशक्त और प्रभावी अमल की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई।