उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे (pic credit; social media)
Mumbai News: बिहार चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे की पार्टी UBT शिवसेना और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच संभावित जुगलबंदी की खबरों ने कांग्रेस खेमे में हड़कंप मचा दिया है। पार्टी नेताओं ने नेतृत्व को साफ संदेश दिया है कि ऐसी साझेदारी से कांग्रेस का उत्तर भारतीय और मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो सकता है, जिससे न केवल महाराष्ट्र बल्कि बिहार में भी राजनीतिक नुकसान की आशंका बढ़ गई है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने पार्टी नेतृत्व को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) सेना के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यह गठबंधन अब उल्टा असर डालने लगा है और इससे पार्टी का पारंपरिक मतदाता वर्ग, खासकर उत्तर भारतीय और मुस्लिम समुदाय, नाराज हो सकता है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने नेतृत्व को बताया है कि वह न केवल मुंबई बल्कि राज्यभर में स्थानीय चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहती है। कांग्रेस को आशंका है कि अगर उद्धव ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ गठबंधन की दिशा में आगे बढ़ती है, तो इससे कांग्रेस की छवि को नुकसान होगा और उसके समर्थक वर्ग में असंतोष बढ़ सकता है।
दरअसल, उद्धव ठाकरे की पार्टी द्वारा हाल ही में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली MNS से संभावित गठबंधन की संभावनाएं तलाशने की खबरों ने कांग्रेस खेमे में चिंता बढ़ा दी है।
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कांग्रेस नेताओं का कहना है कि MNS का इतिहास उत्तर भारतीय प्रवासियों के खिलाफ हिंसक अभियानों और मुस्लिम समुदाय पर विवादित बयानों से जुड़ा रहा है। पार्टी पर आरोप है कि उसने कई बार मुंबई और आसपास के इलाकों में हिंदी भाषी लोगों को निशाना बनाया। राज ठाकरे की पार्टी ने हाल के वर्षों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर भी आंदोलन चलाया था, जिसे कांग्रेस ने धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताया था।