सरकारी शिक्षक (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: शालेय शिक्षा विभाग ने इस वर्ष पहली बार सरकारी स्कूलों के लिए मासिक समय सारिणी की घोषणा की है। इस समय सारिणी में शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों गतिविधियों की योजना बनाई गई है।
शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षकों और छात्रों पर अधिक नियंत्रण रखने का सरकार का प्रयास होने का आरोप लगाया है। इस समय सारिणी में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं, वार्षिक प्रवीणता परीक्षाओं, छात्रवृत्ति परीक्षाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की समय सारिणी स्पष्ट की गई है।
इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक और स्मृति दिवस कार्यक्रम भी तय किए गए हैं जिनमें छात्रों को भाग लेना है। इसमें केशव सीताराम ठाकरे जयंती, पं दीनदयाल उपाध्याय जयंती, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्रीय संकल्प दिवस’ और 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्व विधायक नागो गाणार ने कहा है कि शिक्षकों का मूल कार्य अध्यापन ही है लेकिन वर्तमान में स्थिति विचित्र बनी हुई है। अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों की वजह से अध्यापन से दुर्लक्ष हो रहा है। यह छात्रों के साथ ही समाज के भविष्य के साथ भी खिड़वाड़ है। इस ओर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। जिसका जो काम उसे वहीं दिया जाना चाहिए।
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केवल अध्यापन ही नहीं, शिक्षकों के काम में कई अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी जुड़ गई हैं। समय सारणी में दिए गए 178 कार्यों में से 30 कार्यों में सरकारी पोर्टल पर छात्रों का पंजीकरण, आवेदन पत्र भरना, कई परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र और प्रमाणपत्र तैयार करना, और ‘हर घर तिरंगा’ तथा ‘शिक्षा पर चर्चा’ जैसे सरकारी कार्यक्रमों के लिए पंजीकरण कराना शामिल हैं।शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को सरकारी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के स्पष्ट निर्देश भी दिए हैं। जैसे कि नवभारत साक्षरता अभियान के तहत निरक्षर व्यक्तियों का पंजीकरण और स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देना, स्कूल न जाने वाले छात्रों की खोज अभियान चलाना, लोक कला और लोक नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित करना, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना, जनगणना सर्वेक्षण और मतदाता जागरूकता अभियान चलाना आदि हैं।