मोबाइल फॉरेंसिक वैन (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक ने ‘मोबाइल फॉरेंसिक वैन’ को हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ किया। यह वैन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत काम करेगी और अपराध जांच के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगी।
प्रादेशिक न्याय सहायक वैज्ञानिक प्रयोगशाला, अमरावती से प्राप्त हुई यह वैन (वाहन क्र।एमएच-12 वायडी-9968) शुरुआत में अकोला के उपविभागीय अधिकारी के तहत काम करेगी। अन्य वाहन मिलने तक यह सेवा पूरे जिले (शहर और ग्रामीण) के लिए उपलब्ध रहेगी। वैन में जरूरी किट्स, रसायन और अन्य वैज्ञानिक उपकरण भी मौजूद हैं। इसके साथ ही, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, वैज्ञानिक सहायक, वाहन चालक और लैब अटेंडेंट की टीम भी नियुक्त की गई है।
यह फॉरेंसिक वैन पुलिस को अपराध की जांच में विशेष मदद करेगी। यह घटना स्थल पर तुरंत पहुंचकर सबूतों को सुरक्षित इकट्ठा करने में सहायक होगी। भौतिक सबूतों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाएगा, जिससे जांच में सहायता मिलेगी। जैविक नमूनों को समय पर इकट्ठा कर तुरंत लैब भेजा जा सकेगा।
घटना स्थल की फोटोग्राफी और मैपिंग ठीक से रिकॉर्ड हो पाएगी। प्रारंभिक रासायनिक और ट्रेस एनालिसिस से तुरंत जानकारी मिल सकेगी। सबूतों की ‘चेन-ऑफ-कस्टडी’ को बनाए रखने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञ अपने उपकरणों के साथ घटना स्थल पर भी काम कर सकेंगे। जांच के लिए आवश्यक तकनीकी रिपोर्ट जल्दी तैयार होंगी, जिससे अदालत में विश्वसनीय और भौतिक सबूत पेश करना आसान होगा। यह वैन अपराधियों को सजा दिलाने में मदद करेगी, जिससे अपराध सिद्धि की दर बढ़ेगी।
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इस टीम में अभिषेक भारसाकले, पूजा खडसे, नेहा इंगले तीनों सहायक रासायनिक विश्लेषक इसी तरह वैज्ञानिक सहायकों में सोनल गाडगे, गायत्री हरणे, नागेश बावने, ओम बोडफले तथा वाहन चालक राहुल गावंडे और अनिकेत वाजडे और प्रयोगशाला परिचर के रूप में अंकुश मोरे, रूपेंद्र ठाकरे शामिल हैं। मोबाइल फॉरेंसिक वैन से पुलिस को जांच में तुरंत वैज्ञानिक मदद मिलेगी, जिससे अपराध सुलझाने की प्रक्रिया में तेजी और सटीकता आएगी। इस अवसर पर एसडीपीओ सुदर्शन पाटिल, एलसीबी के पुलिस निरीक्षक शंकर शेलके और सहायक पुलिस निरीक्षक (फिंगरप्रिंट) सुरेश परसोडे भी मौजूद थे।