कॉन्सेंप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
अकोला: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में फरार चल रहे अकोट पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। जनवरी में अकोट पुलिस ने गोवर्धन हरमकार नाम के एक युवक को मोबाइल फोन की कथित चोरी के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान हिरासत में पिटाई के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। हिरासत में मौत के इस मामले को अकोट शहर पुलिस ने दबाने की भरपूर कोशिश की थी।
इस मामले में मृतक गोवर्धन हरमकार के चाचा ने पुलिस हिरासत में उसकी हत्या होने का मामला दर्ज किया था। पुलिस की हिरासत में मौत के कारण इस मामले की जांच राज्य अपराध जांच विभाग को सौंप दी गई थी। यह मामला दर्ज होने के बाद अकोट शहर के पुलिस निरीक्षक तपन कोल्हे और ग्रामीण पुलिस स्टेशन के थानेदार बोडके का आनन-फानन में तबादला कर दिया गया।
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इसी तरह एक पीएसआई और एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। लेकिन घटना के बाद से अकोट थाना के पुलिसकर्मी संजय सदांशिव, मनीष कुलट, विशाल हिवरे, प्रेम पचांगे और सागर मोरे फरार थे। इस बीच, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की कार्रवाई से बचने के लिए अकोला की अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन पांचों फरार आरोपियों ने नागपुर उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
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फरार आरोपियों द्वार दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। साथ ही पांचों फरार आरोपियों को जांच एजेंसी के सामने सरेंडर करने का निर्देश दिया।