बच्चू कडू ने शिक्षा विभाग की समस्याओं पर की चर्चा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अकोला: प्रहार संगठन के संस्थापक और पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि वे पिछले 25 वर्षों से किसान, दिव्यांग और समाज के पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शालेय शिक्षण मंत्री के रूप में काम करते समय उन्हें शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियों की गहरी समझ हुई।
इसी कारण प्राध्यापक और शिक्षकों की इच्छा है कि मुझे शिक्षक मतदाता संघ से चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने हाल ही में अकोट के वसुंधरा ज्ञानपीठ में शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग की समस्याओं पर चर्चा की। इस बैठक में संस्थापक अध्यक्ष विठ्ठल कुलट, शिवाजी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सुनील पांडे, मुख्याध्यापक अनंत कुलट, प्राचार्य शिवचरण नारे, शिवा सांगुनवेढे, सुधाकरराव गीते, डा. अभिषेक गावंडे, श्रीकांत सरोदे और वसुंधरा ज्ञानपीठ के अन्य शिक्षण और शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे।
बच्चू कडू ने अकोट शहर में 8 से 10 स्थानों पर कॉर्नर मीटिंग आयोजित कर शिक्षकों के विचार जानने का प्रयास किया। इन बैठकों में शिक्षकों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और उनकी मांगों को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर प्रहार संगठन के जिला अध्यक्ष कुलदीप पाटिल, वसु प्रहार युवक जिलाध्यक्ष सुशील पुंडकर, तहसील संगठक शुभम पाटिल नारे, शहर कार्याध्यक्ष अचल बेलसरे के साथ-साथ कई कार्यकर्ता और शिक्षक उपस्थित थे। शिक्षकों की बढ़ती मांग और समर्थन को देखते हुए शिक्षक मतदाता संघ से चुनाव लड़ने पर गंभीर विचार किया जा सकता है। इस संवाद से शिक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाने और व्यवस्थित सुधार की दिशा में आगे बढ़ने की पहल हो रही है।
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वर्तमान में अकोला जिला परिषद के अंतर्गत कुल 2,800 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से कुल 1,874 शिक्षक स्थानांतरण के लिए पात्र हैं। इसमें दूर-दराज के स्कूलों में कार्यरत 40 शिक्षक भी शामिल हैं। हर शिक्षक शहर के नजदीक का गांव चाहता है, और शिक्षकों ने सुविधाजनक स्थान पर स्थानांतरण के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। परिवर्तन की बयार आमतौर पर अप्रैल और मई के महीनों में बहने लगती है।
अब जिले में सभी विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों की झड़ी लगेगी और इसी श्रृंखला में शिक्षक भी तबादलों के लिए उत्सुक हैं। अन्य जिलों में जिला परिषदों में तबादला प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन अकोला जिला परिषद में अभी तक तबादलों में कोई तेजी नहीं है। अंतर-जिला स्थानांतरण प्रक्रिया में 1 जनवरी से 28 फरवरी के बीच स्थानांतरण के लिए पात्र शिक्षकों की सूची प्रकाशित करना, 1 से 31 मार्च के बीच स्थानांतरण के लिए उपलब्ध रिक्त पदों की जानकारी निर्धारित करना, फिर इन उपलब्ध पदों की जानकारी की घोषणा करना तथा शिक्षकों को स्थानांतरण का अवसर और समय देना शामिल है।