अकोला में हड़ताल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Akola News: अकोला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के अंतर्गत कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 19 अगस्त से बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है। कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि उन्हें शासन सेवाओं में समायोजित किया जाए।
इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान एकत्रीकरण समिति ने आक्रामक रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिता मेश्राम को ज्ञापन सौंपा।
संगठन का दावा है कि जिले में कार्यरत 600 ठेका कर्मचारियों में से 90 प्रतिशत आंदोलन में शामिल हैं, जिससे डायलिसिस, टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। एनएचएम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है और इन योजनाओं को जिला परिषद के माध्यम से लागू किया जाता है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता और कई बार उनकी अन्य मांगों की भी अनदेखी की जाती है।
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इस आंदोलन में डॉ. रामू नागे, अंकुश गंगाखेडकर, कपिल सिरसाट, नंदन चौरपगार, इम्रान खान, परिमल कुटे, नंदकिशोर कांबले, सचिन इंगोले, मनोज कडू सहित कई कर्मचारी शामिल हुए। समिति का कहना है कि कंत्राटी नर्स, जीएनएम, एलएचवी, लैब टेक्नीशियन, औषधि निर्माण अधिकारी, मेडिकल ऑफिसर और अन्य कर्मचारियों को रिक्त पदों पर समायोजित करने के लिए शासन से पत्राचार किया गया है।
समिति ने बताया कि शासन ने 14 मार्च 2024 को आदेश जारी किया था कि एनएचएम के तहत 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा देने वाले कर्मचारियों को नियमित सेवा में समायोजित किया जाएगा। यह जानकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में भी दर्ज है। लेकिन डेढ़ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस आदेश पर कोई अमल नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है और उन्होंने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है।