मुर्तिजापुर जांच (सौजन्य-नवभारत)
Murtijapur News: अकोला शहर की पुरानी बस्ती, नगर परिषद सीमा क्षेत्र की खदान में खुदाई के दौरान बड़ा भुरभुरा एवं खोखला हिस्सा सामने आया। इसी दौरान कुछ हड्डियां और मिट्टी के बर्तनों जैसे अवशेष भी मिले, जिससे पूरे शहर में खलबली मच गई। ये हड्डियां वास्तव में किसकी हैं और करीब 20 फीट गहराई तक खुदाई में बना गड्ढा किस कारण से है, इसकी जांच के लिए विधायक हरीश पिंपले के नेतृत्व में पुरातत्व विभाग की देखरेख में सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया है।
इस मौके पर विधायक हरीश पिंपले, उपविभागीय अधिकारी संदीप कुमार अपार, तहसीलदार शिल्पा बोबडे, मूर्तिज़ापुर शहर पुलिस थाने के थानेदार अजीत जाधव, ग्रामीण थाने के थानेदार श्रीधर गुट्टे, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र नेमाडे, नगरपालिका अभियंता संकेत तालकुकवार, पूर्व नगराध्यक्ष द्वारकाप्रसाद दुबे, पुलिस उपनिरीक्षक अशीष शिंदे, संदीप जलमकर, कोमल तायडे, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय देशमुख सहित शहर के प्रतिष्ठित नागरिक, अनेक सामाजिक कार्यकर्ता तथा वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।
जानकारों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया गया है कि बरामद हड्डियां इंसानों की नहीं बल्कि जानवरों की हो सकती हैं। पुलिस ने पंचनामा कर इन हड्डियों को जांच हेतु पुरातत्व विभाग और फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेज दिया है। गौरतलब है कि मूर्तिज़ापुर शहर ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध है।
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दादासाहब जमादार के कार्यकाल में यहां कई भुयारी मंदिर निर्मित किए गए थे। समय-समय पर यहां छिपे खज़ाने की चर्चाएं भी होती रही हैं। ऐसे में खदान में मिला खोखला भाग और वहां से प्राप्त हड्डियां व अवशेष लोगों में उत्सुकता का विषय बन गए हैं। घटना को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे रहस्यमयी खोज मान रहे हैं तो कुछ व्यंग्यात्मक ढंग से कह रहे हैं “खोदा पहाड़, निकला चूहा।”