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Area Under Chickpea Cultivation Increased: इस वर्ष राज्यभर में औसत से अधिक वर्षा हुई है, जिससे अधिकांश जलस्रोत भर गए हैं। हालांकि खरीफ सीजन में किसानों को अपेक्षित उत्पादन नहीं मिला, लेकिन अब वे रबी सीजन की तैयारी में जुट गए हैं। अकोला जिले में रबी फसलों के लिए कुल 1 लाख 74 हजार 450 हेक्टेयर क्षेत्र का नियोजन किया गया है, जिसमें चने की खेती का क्षेत्र सबसे अधिक यानी 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया है।
कई क्षेत्रों में चने की बुआई पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक ठंड का असर नहीं दिखा है, जिससे किसानों को ठंड की प्रतीक्षा है। खरीफ में अतिवृष्टि और अवर्षण के कारण सोयाबीन, तुअर, कपास, उड़द, मूंग जैसी फसलें प्रभावित हुईं और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब रबी सीजन से उन्हें बड़ी उम्मीदें हैं।
इस बार जिले में रबी फसलों के लिए 61 हजार 189 क्विंटल बीज की मांग की गई है। सामान्यतः जिले में रबी की बुआई का औसत क्षेत्र 1 लाख 7 हजार 156 हेक्टेयर होता है, लेकिन इस वर्ष अकोला, अकोट, बालापुर, बार्शीटाकली, तेल्हारा, पातुर और मुर्तिजापुर तालुकों में कुल 1 लाख 74 हजार 450 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुआई का नियोजन किया गया है।
ज्वार – 4 हजार हेक्टेयर, गेहूं – 30 हजार हेक्टेयर, चना – 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर, करड़ई – 100 हेक्टेयर, मक्का – 350 हेक्टेयर, प्याज व सब्जियां – 15 हजार हेक्टेयर।
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रबी सीजन के लिए अकोला कृषि विभाग ने किसानों को राहत देते हुए 47 हजार 650 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का आवंटन मंजूर किया है। वर्तमान में 22 हजार 177 मीट्रिक टन खाद का स्टॉक उपलब्ध है। खरीफ में समय पर खाद न मिलने से फसलों को नुकसान हुआ था, इसलिए रबी में खाद, बीज और अन्य सामग्री का उचित नियोजन आवश्यक है। कृषि आयुक्तालय ने जिला परिषद कृषि विभाग को खाद का आवंटन स्वीकृत किया है।