शिर्डी संस्थान (सौजन्य-सोशल मीडिया)
शिर्डी: शिर्डी में साईबाबा संस्थान द्वारा ‘वीआईपी’ के लिए प्रारंभ की गई ‘ब्रेक दर्शन’ योजना से संस्थान की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जनसंपर्क विभाग से शिफारशी के आधार पर ‘पेड पास’ से होने वाली आय में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है। यदि संस्थान समिति ने इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया, तो संस्थान के आर्थिक ढांचे पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
संस्थान के तत्कालीन अध्यक्ष जयंत ससाणे की अध्यक्षता में शासकीय नियुक्त विश्वस्त मंडल ने संस्थान की आय बढ़ाने और ‘वीआईपी’ दर्शन की संख्या को नियंत्रित करने के लिए जनसंपर्क कार्यालय से शिफारशी के आधार पर श्रद्धालुओं को 200 रुपये का सशुल्क दर्शन पास (पेड) देने की योजना शुरू की थी।
इस योजना को श्रद्धालुओं से अच्छा प्रतिसाद मिला था और इससे संस्थान को हर साल औसतन 60 करोड़ रुपये की आय होती थी। लेकिन अब समिति ने ‘ब्रेक दर्शन’ नामक एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके परिणामस्वरूप ‘पेड पास’ लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। पहले दिन में 200 से 300 श्रद्धालु जनसंपर्क कार्यालय से शिफारशी पत्र लेकर ‘पेड पास’ लेते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 120 रह गई है।
‘ब्रेक दर्शन’ की कीमत में (200 रुपये) वृद्धि की आवश्यकता थी, जिससे आय में वृद्धि होने की संभावना थी, लेकिन ऐसा न करके अत्यधिक विशिष्ट व्यक्तियों – जैसे राजनेताओं, सेलिब्रिटीज, व्यवसायियों, अधिकारियों को बिना किसी अड़चन के पुराने तरीके से दर्शन मिल रहा है। इसके कारण श्रद्धालु सवाल पूछ रहे हैं कि ‘ब्रेक दर्शन’ योजना का उद्देश्य और लाभ किसके लिए है?
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साईबाबा संस्थान को हर साल औसतन 511 करोड़ रुपये का दान प्राप्त होता है, जबकि खर्च लगभग 500 करोड़ रुपये के आसपास होता है। ऐसी स्थिति में, यदि आय में कमी आती है, तो संस्थान के वित्तीय गणित पर असर पड़ सकता है। श्रद्धालुओं की मांग और व्यवस्थाओं में पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए ‘ब्रेक दर्शन’ योजना पर तदर्थ समिति द्वारा किए गए निर्णय का पुनर्विचार करने की आवश्यकता जताई जा रही है।
‘ब्रेक दर्शन’ से पहले 200 रुपये का पास लेकर संस्थान के जनसंपर्क कार्यालय से शिफारशी के आधार पर हर दिन औसतन 300 श्रद्धालु दर्शन करते थे। ‘ब्रेक दर्शन’ के निर्णय के बाद, 22 जून को 99 श्रद्धालुओं, 23 जून को 84 श्रद्धालुओं और 24 जून को 155 श्रद्धालुओं ने शिफारशी पत्र लेकर ‘ब्रेक दर्शन’ किया। इसका मतलब है कि इस संख्या में आधी कमी आई है।