
जामखेड तालुका में फिर बढ़ा कोयता गैंग का आतंक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Jamkhed Police: ग्राम पंचायत में हुए कथित गैर-व्यवहार (भ्रष्टाचार) की शिकायत करने का बदला लेते हुए करीब 9 से 10 लोगों के गिरोह ने तलवार, कोयता, लोहे की रॉड और डंडों से हमला कर सरपंच के पति सहित चार लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना जामखेड तालुके के झिक्री शिवार इलाके में घटी। इस हमले से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। आरोपियों ने पीड़ितों की चारपहिया गाड़ी में भी खूब तोड़फोड़ की। यह वही कुख्यात कोयता गैंग है, जिसने पहले भी कई हमले किए हैं, जिससे जामखेड पुलिस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
पीड़ितों का आरोप है कि पंचायत समिति में शिकायत करने पर पहले भी धमकाकर मारपीट की गई थी। यह शिकायत दो दिन पहले जामखेड पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। उसी रंजिश के चलते इस गिरोह ने एक बार फिर घात लगाकर हमला किया। इस संदर्भ में जामखेड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है। सरपंच पति व अन्य तीन लोगों पर हमले की खबर फैलते ही पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। फिर्यादी मिलिंद श्रीधर जिवडे की शिकायत के अनुसार आरोपी योगेश बापुराव इथापे,घनश्याम सोनबा कसाब,ऋषिकेश शिवाजी सालुंखे,मयूर घनश्याम कसाब सभी निवासी झिक्री, ता. जामखेड,तथा अतुल जनार्धन कसाब निवासी चौंडी, ता. जामखेड और उनके साथ 4-5 अन्य अज्ञात आरोपी सभी ने मिलकर जानलेवा हमला किया।
फिर्यादी ने बताया हम चारपहिया वाहन में अपनी ज़मीन की तरफ जा रहे थे तभी मेरे चचेरे भाई सागर जिवडे मोटरसाइकिल पर आया और बताया कि योगेश इथापे और उसके साथी झिक्री गांव में हमें मारने की योजना बना रहे हैं। उसके तुरंत बाद पीछे से कई चारपहिया वाहन तेज़ी से आए। उनमें से तलवार, कोयता, काठी और लोहे की रॉड लिए हुए लोग नीचे उतरते ही टूट पड़े। योगेश इथापे ने तलवार से मेरे माथे, सिर, बाएँ पैर और दाएँ घुटने पर वार कर गंभीर चोटें पहुंचाईं।
झिक्री ग्राम पंचायत में रोजगार गारंटी योजना के मजदूरों की हाज़री लगाने के लिए ग्राम रोजगार सहायक योगेश इथापे उन मजदूरों से जबरन पैसे वसूलता था। इसकी शिकायत मैंने और गांव के कुछ लोगों ने दो महीने पहले ग्रामसभा में की थी। शिकायत के बाद पंचायत समिति अधिकारी भी जांच के लिए गाँव आए थे। इसी बात पर आरोपी ने मुझे, मेरे पिता और अन्य लोगों को भद्दी गालियाँ देते हुए धमकाया था। बाद में रात में उसने मेरे चाचा मुकुंद रावण जिवडे को भी पीटा था, जिसकी शिकायत भी पुलिस में दर्ज है।
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घनश्याम कसाब ने चाचा मुकुंद जिवडे के सिर पर कोयते से वार किया। ऋषिकेश सालुंखे ने लोहे की रॉड से सागर जिवडे को हाथ, पैर और पीठ पर मारा। मयूर कसाब ने दत्तात्रय सालुंखे पर काठी से हमला किया। अतुल कसाब ने मुझे तथा मेरे चाचा पर रॉड से वार किए। अन्य 4–5 अज्ञात हमलावरों ने डंडों से मारपीट की। हम किसी तरह भाग निकले तो उन्होंने गालियाँ देते हुए धमकी दी कि“अगर हमारी राह में आए तो एक-एक का मुडदा पाड देंगे।”






