भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा और कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP Leader Narottam Mishra Remark on Congress MP Digvijay Singh: मध्यप्रदेश की राजनीति में बयानों के तीर चल रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने जब अचानक RSS और भाजपा की तारीफ की तो सियासी गलियारों में हलचल मच गई। इस पर भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऐसा तीखा तंज कसा कि हर कोई हैरान रह गया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के मुंह से ऐसी बातें सुनकर ओसामा बिन लादेन की आत्मा भी दोजख में जार-जार रो रही होगी। यह बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल हाल ही में दिग्विजय सिंह ने संघ और भाजपा की संगठनात्मक क्षमता की सराहना की थी। उन्होंने PM मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए बताया कि कैसे एक जमीनी कार्यकर्ता शीर्ष पद तक पहुंचता है। कांग्रेस के स्थापना दिवस पर शशि थरूर ने भी संगठन को मजबूत करने के लिए दिग्विजय के विचारों का समर्थन किया। लेकिन भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा को यह तारीफ हजम नहीं हुई और उन्होंने इसे दिग्विजय सिंह की राजनीतिक चाल और दबाव बनाने की रणनीति बता दिया।
दिग्विजय सिंह जी आप और संघ की तारीफ… तौबा तौबा… pic.twitter.com/0C2bX4omOT — Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 30, 2025
नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि दिग्विजय जी आप और संघ की तारीफ, तौबा तौबा। उन्होंने पुराने दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि आप वही हैं जो बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाते थे और भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों के जनक माने जाते थे। मिश्रा ने चुटकी लेते हुए कहा कि आज आपके मुंह से राम-राम सुनकर जाकिर नाइक भी खुद को अनाथ महसूस कर रहे होंगे। उनके अनुसार दिग्विजय सिंह का यह बदला हुआ रूप और संघ के लिए प्यार देखकर लादेन की रूह भी कांप गई होगी।
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MP के पूर्व गृह मंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने इस तारीफ के पीछे की असली वजह भी बता दी। नरोत्तम मिश्रा ने कयास लगाते हुए कहा कि यह सब सिर्फ दो महीने बाद होने वाले राज्यसभा चुनाव की तैयारी है। उन्होंने इसे कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाने की प्रेशर पॉलिटिक्स करार दिया। मिश्रा ने याद दिलाया कि कैसे 2020 में भी सरकार हिलाकर राज्यसभा का टिकट पाया गया था। उनका मानना है कि यह तारीफ दिल से नहीं बल्कि अपनी दावेदारी पक्की करने का एक पुराना तरीका है, ताकि पार्टी हाईकमान दबाव में आ सके।