विदेशी महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ मामले में कैलाश विजयवर्गीय ने खिलाड़ियों को ही दे दी नसीहत (फोटो- सोशल मीडिया)
Kailash Vijayvargiya Controversial Statement: इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने खूब तूल पकड़ा। इस शर्मनाक वारदात पर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सुरक्षा में चूक की जगह खिलाड़ियों को ही सावधानी बरतने की सलाह दे डाली। विजयवर्गीय ने कहा कि खिलाड़ियों को बाहर निकलते समय या कहीं घूमने जाने से पहले प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए, क्योंकि भारत में वे बहुत लोकप्रिय हैं। इस बयान के बाद उनकी जमकर आलोचना हो रही है।
यह घटना गुरुवार सुबह खजराना रोड इलाके में हुई थी। आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में हिस्सा लेने आईं दो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अपने होटल से पास के एक कैफे जा रही थीं। तभी मोटरसाइकिल पर एक शख्स ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। आरोप है कि उस शख्स ने एक क्रिकेटर को गलत तरीके से छुआ और मौके से फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए शुक्रवार को आरोपी को ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया।
कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी बात को सही ठहराने के लिए फुटबॉल खिलाड़ियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मैंने खुद देखा है कि भीड़ के कारण फुटबॉल खिलाड़ियों के कपड़े फट जाते हैं। एक इंग्लिश फुटबॉलर मेरे साथ होटल में था, तभी फैंस आ गए। किसी ने ऑटोग्राफ लिया, किसी लड़की ने उसे चूम लिया और उसके कपड़े फट गए।” उन्होंने आगे कहा कि खिलाड़ियों को अपनी लोकप्रियता का अंदाजा होना चाहिए। यह घटना हम सबके लिए और खिलाड़ियों के लिए भी एक सबक है।
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हालांकि, विजयवर्गीय ने इस घटना को इंदौर और देश के लिए शर्मनाक बताते हुए आरोपी पर सख्त कार्रवाई की बात भी कही, लेकिन उनके बयान पर विपक्ष भड़क गया है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इसे “गैर-जिम्मेदाराना और प्रतिगामी” सोच बताया। उन्होंने कहा, “यह घटना ‘अतिथि देवो भव’ वाले देश में मेहमानों की सुरक्षा में राज्य की विफलता दिखाती है। मंत्री जी पीड़ितों को दोष दे रहे हैं।” यह पहली बार नहीं है जब विजयवर्गीय महिलाओं या नैतिकता पर अपने बयानों से घिरे हों। कुछ महीने पहले उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “हमारे विपक्षी नेता चौराहे पर अपनी जवान बहनों को चूमते हैं। यह विदेशी संस्कार हैं।”