पीड़ितों से मिलने पहुंचे जीतू पटवारी, फोटो- सोशल मीडिया
Indore Contaminated Water Deaths: इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी ने स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है, जिससे अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है। इस घटना ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की बड़ी लापरवाही करार दिया है।
इंदौर के भागीरथपुरा में पिछले कुछ दिनों से दूषित पानी पीने के कारण लोग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। स्थानीय दावों और रिपोर्टों के अनुसार, अब तक नन्द लाल पाल, तारा बाई, उमा कोरी, गोमती रावत, सीमा प्रजापति, मंजूलता, उर्मिला यादव और संतोष बिचौलिया की मौत हो चुकी है। हालांकि, प्रशासन का तर्क है कि इनमें से केवल 3 मौतें दूषित पानी के कारण हुईं, जबकि 5 अन्य की जान कार्डियक अरेस्ट से गई है। वर्तमान में 66 से अधिक मरीज अलग-अलग अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं।
इस त्रासदी पर राजनीति गरमा गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इंदौर की जनता ने भाजपा को सांसद, सभी 9 विधायक और महापौर दिए, लेकिन बदले में सरकार ने उन्हें “पानी में जहर” दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को विफल बताते हुए आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार और लापरवाही निर्दोष लोगों की जान ले रही है। पटवारी ने इस बात पर भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री स्वयं इंदौर के प्रभारी मंत्री हैं, फिर भी ऐसी घटना होना शर्मनाक है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। लापरवाही बरतने के आरोप में जोनल अधिकारी शालिग्राम शितोले और प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर योगेश जोशी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है और तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है जो पूरे मामले की रिपोर्ट सौंपेगी।
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इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां उल्टी-दस्त और पेट दर्द से लगभग 2000 लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की 25 से 30 टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं और अब तक 1100 से अधिक घरों की जांच की जा चुकी है। लोगों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे पानी को उबालकर ही पिएं। पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट 48 घंटों में आने की उम्मीद है।