मुख्यमंत्री मोहन यादव का एक्शन
भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में निर्माणाधीन ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज के 90 डिग्री मोड़ वाले डिजाइन ने सरकार से लेकर सोशल मीडिया तक में हलचल मचा दी थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। डिजाइन की गंभीर खामियों के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ने 8 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया और निर्माण एजेंसी व डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यह ब्रिज राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से बनाया जा रहा था।
इस विवादित ब्रिज की लागत करीब 18 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र को नए भोपाल से जोड़ना है। लेकिन स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इसके असामान्य 90 डिग्री मोड़ को लेकर सवाल उठने लगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि शिकायतों के आधार पर जांच के आदेश दिए गए थे और रिपोर्ट में साफ हुआ कि डिज़ाइन तकनीकी मानकों के खिलाफ था। इसी आधार पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की गई।
ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश दिये थे। जाँच रिपोर्ट के आधार पर लो.नि.वि. के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जाँच…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 28, 2025
डिजाइन में खामी या मजबूरी
आरओबी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पास में मेट्रो स्टेशन और जमीन की सीमित उपलब्धता के चलते ऐसा डिज़ाइन अपनाना पड़ा। इस पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि एनएचएआई की जांच रिपोर्ट में भी जमीन की कमी का हवाला दिया गया है, लेकिन अब एक समिति गठित की गई है जो रेलवे और अन्य संबंधित एजेंसियों से बात कर बेहतर समाधान सुझाएगी।
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जांच के बाद ही होगा सुधार
मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि दो मुख्य इंजीनियरों की अगुवाई में गठित समिति यह तय करेगी कि मोड़ को कैसे अधिक सुगम और सुरक्षित बनाया जाए। फिलहाल सुरक्षा को लेकर चिंताओं को देखते हुए कई उपायों पर विचार चल रहा है। सीएम मोहन यादव के निर्देश पर जांच में दोषी पाए गए दो चीफ इंजीनियरों समेत 7 इंजीनियरों को निलंबित किया गया है, जबकि एक रिटायर्ड एसई पर विभागीय जांच के आदेश हैं।