दिवाली पर खाएं जिमीकंद की सब्जी (सौ.डिजाइन फोटो)
Jimikand eating on diwali: दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसमें त्योहार के दिन घर-आंगन में रंगोली और दीयों की रोशनी से त्योहार मनाते है। इस रोशनी से भरे त्योहार से जुड़ी वैसे तो कई मान्यताएं है लेकिन दिवाली के दिन जिमीकंद या सूरन की सब्जी का सेवन किया जाता है। इस परंपरा को हर साल दिवाली पर अपनाया जाता है। कहते हैं दीवाली की दिन जिमीकंद की सब्जी बनाना रिवाज होता हैं ऐसा क्यों चलिए जानते हैं इस लेख में।
यहां पर दीवाली के कनेक्शन से जोड़ते हुए दिवाली पर जिमीकंद खाने के रिवाज का मतलब यह है कि, घर में सुख-समृद्धि का संचार जिमीकंद की सब्जी करती है। दरअसल जिमीकंद का फल जड़ से काटने के बावजूद फिर से उग जाता है. जिसके चलते जिमीकंद को सुख और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए दिवाली के दिन हर कोई इस खास सब्जी को मनाते है।
यहां पर जिमीकंद में कई तरह के खास गुण समाए होते हैं इसे वास्तव में एंटी ऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी तत्वों का स्त्रोत मानते है। इस सब्जी की केवल दीवाली पर ही बनाना सही नहीं है इसे आप आम दिनों में भी बनाकर खा सकते हैं क्योंकि इस सब्जी में समाए गुण बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह थोड़ा देखने पर अरबी की तरह होता हैं तो स्वाद में भी उसकी तरह ही होता है। जिमीकंद का सेवन ज्यादा करने से गले में जलन की समस्या भी हो सकती है।
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यहां पर वैसे ही जिमीकंद का सेवन करते हैं तो इसके कई सारे फायदे शरीर को मिलते है।
1- इस सब्जी का सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है।
2- पोषक तत्वों वाली इस सब्जी का सेवन करने से खून की कमी नहीं होती है।
3-इस सब्जी का सेवन करने से डाइजेस्टिव सिस्टम बूस्ट होता है, यानि पेट में गैस, कब्ज की समस्या नहीं रहती है।
4-इस जिमीकंद सब्जी का सेवन करने से वजन को कंट्रोल किया जा सकता है।