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-सीमा कुमारी
ओणम (Onam) केरल का एक लोकप्रिय त्यौहार है। यह त्यौहार केरल में बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लाष से मनाया जाता है। इस साल यह त्योहारआज यानी 08 सितंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाला ओणम (Onam) का त्यौहार दक्षिण भारत में रहने वाले लोगों के लिए ख़ास महत्व रखता हैं। अगर त्यौहार की बात की जाए, तो भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। यहाँ सभी धर्मों के अपने अपने त्यौहार हैं। कुछ त्यौहार तो देशभर में सार्वजनिक रूप से मनाए जाते हैं।
ओणम को खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है। किसी राज्य विशेष के त्यौहारों की बात करें तो, दक्षिण भारत के केरल में ओणम त्यौहार उत्तरी भारत के दीपावली जितना ही महत्वपूर्ण है। भारत के मुख्य त्यौहारों की बात करें तो दीवाली, होली, ईद, बैसाखी, क्रिसमस, दुर्गा पूजा आदि है। आइए जानें क्यों मनाते ओणम और क्या है मुहूर्त ?
पंचांग के अनुसार, थिरुवोणम् नक्षत्र का प्रारंभ 07 सिंतबर दिन बुधवार को शाम 04:00 बजे से हो रहा है। यह 08 सितंबर गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा ओणम थिरुवोणम् नक्षत्र में मनाते है। इसलिए 08 सिंतबर को ओणम का त्योहार मनाया जाएगा।
हिंदू कैलेंडर के आधार पर देखें तो इस दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी। जो रात 09 बजकर 02 मिनट तक है। त्रयोदशी तिथि के प्रतिनिधि देव भगवान शंकर है।
ओणम का त्योहार रवि योग और सुकर्मा योग में है। ओणम के दिन रवि योग दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 09 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा । इसके अलावा ओणम वाले दिन रात 09 बजकर 41 मिनट से सुकर्मा योग लग रहा है। जो अगले दिन तक रहेगा। ये दोनों ही योग शुभ माने जाते है।
ओणम का त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा बलि के दोबारा पृथ्वी पर आने के उत्सव में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के समय पाताल लोक से पृथ्वी पर आते है। पाताल से पृथ्वी लोक की यात्रा के उपलक्ष्य में ओणम का त्योहार मनाते है।
वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने दान में तीन पग भूमि लेकर अपने भक्त बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया था। ऐसी मान्यता है कि, ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं और उनके घरों में जाते है। इसके उपलक्ष्य में लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और अपने राजा के आगमन की तैयारी करते है।
ओणम के खास मौके पर तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते है। इसमें पचड़ी,रसम, पुलीसेरी, एरीसेरी, खीर और अवियल आदि शामिल है। केरल के लोग ओणम के त्योहार के दौरान केवल दूध से 18 व्यंजन बनाते हैं।
इस उत्सव के दौरान लोग दूर-दूर से यहां घूमने के लिए आते है। कई तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। नौका दौड़ होती है।
नावों को फूलों से सजाया जाता है। नृत्य और गाना-बजाना होता है। इस दौरान लोग शेर और चीते की तरह तैयार होकर सड़कों पर नाचते है। इसे प्ले ऑफ द टाइगर्स के रूप में जाना जाता है। राजा बलि के स्वागत में महिलाएं घरों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाती है। रंगोली बनाती है। रंगोली को दीपों से सजाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को इस त्योहार की शुभकामनाएं देते हैं। पारंपरिक भोज को केले के पत्ते पर परोसा जाता है। इस दिन चावल, नारियल के दूध और गुड़ से खीर बनाई जाती है।