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आज है ‘मासिक कार्तिगाई’, जानें इसका महत्व

  • By navabharat
Updated On: Apr 22, 2023 | 06:30 AM
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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: 22 अप्रैल, शनिवार को ‘मासिक कार्तिगाई’ दीपम (Masik Karthigai 2023) है। इस दिन ‘अक्षय तृतीया’ (Akshaya Tritiya 2023) का पावन त्योहार भी है। दक्षिण भारत में ‘मासिक कार्तिगाई’ को बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक माह में ‘कृतिका नक्षत्र’ के दिन मनाया जाता है।

इसलिए इसे मासिक कार्तिगाई भी कहा जाता है, ‘कार्तिगाई दीपम’ का नाम ‘कार्तिकाई’ या कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया है। जिस दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रबल होता है उस दिन कार्तिगाई दीपम को मनाया जाता है।  

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ज्योत रूप में प्रकट हुए थे। इसके लिए मासिक कार्तिगाई के दिन देवों के देव महादेव की ज्योत रूप में पूजा की जाती है। साथ ही भगवान कार्तिकेय की भी पूजा उपासना की जाती है। संध्याकाल में दीपावली की तरह पंक्ति बद्ध तरीके में ज्योत जलाए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही, जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानें ‘मासिक कार्तिगाई’ की महिमा के बारे में-

पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठें और सबसे पहले देवों के देव महादेव को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। फिर, आचमन कर सफेद रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। अब देवों के देव महादेव की पूजा फल, फूल, भांग, धतूरा, धूप, दीप आदि चीजों से करें। अंत और आरती करने के बाद सुख, समृद्धि और परिवार के कुशल मंगल की कामना करें। दिनभर उपवास रखें और संध्या काल में आरती अर्चना करने के बाद फलाहार करें।

तमिल धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, किसी समय की बात है। जब भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। यह देख देवता सोच में पड़ गए कि अगर दोनों के बीच श्रेष्ठता को लेकर द्व्न्द चलता रहा, तो सृष्टि कौन चलाएगा? ये सोच देवता और ऋषि मुनि सभी ब्रह्मा जी और विष्णु जी के साथ देवों के देव महादेव के पास पहुंचें। विषय को जान महादेव ने कहा- “आप दोनों में जो मेरे ज्योत रूप के आदि या शीर्ष बिंदु तक पहुंच जाएंगे, वही श्रेष्ठ कहलाएंगे।” इसके बाद महादेव ज्योत रूप में प्रकट हुए। कालांतर से इस पर्व को मनाने का विधान है।

Today is masik karthigai know its importance

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Published On: Apr 22, 2023 | 06:30 AM

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