विदेशों में मां शक्ति के शक्तिपीठ (सौ.फाइल फोटो)
Foregien Countries Shaktipeeth Mandir: शारदीय नवरात्रि का दौर जहां पर देशभर में चल रहा हैं वहीं पर इस समय माता के प्रसिद्ध मंदिरों में भक्त, माता को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा अनुष्ठान कर रहे है। भारत में तो माता दुर्गा के कई प्रसिद्ध औऱ पावन मंदिर स्थित है लेकिन आपको पता हैं विदेशों में भी माता के शक्तिपीठ स्थित है। जहां पर दर्शन के लिए भक्त पहुंचते है और माता का आशीर्वाद लेते है। मां शक्ति के 52 शक्तिपीठ का उल्लेख मिलता हैं तो वहीं पर यह दुनिया के इन कई मंदिरों में स्थित है।
माता शक्ति के शक्तिपीठ का इतिहास प्राचीन हैं जो भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा है। कहा जाता हैं माता सती के अंग जिन स्थानों पर गिरे वे शक्तिपीठ कहलाएं। भारत में तो शक्तिपीठ के बारे में तो हम जानते हैं लेकिन विदेशों में इस नाम से शक्तिपीठ स्थित है।
विदेशों में सबसे पहला नाम नेपाल देश का आता हैं जो भारत का पड़ोसी देश हैं यहां पर आपको माता दुर्गा के तीन शक्तिपीठ मंदिर मिलेंगे। गंडक नदी के पास आद्या शक्तिपीठ मंदिर स्थित है। यहां माता की गंडक के रूप में पूजा अर्चना की जाती है, कहा जाता है कि जगह माता के बायां गाल गिरा था। वहीं दूसरा शक्तिपीठ पशुपतिनाथ मंदिर से थोड़ी दूर गुहेश्वरी शक्तिपीठ है। इस जगह माता सती के घुटने गिरे थे। नेपाल में ही तीसरा शक्तिपीठ दन्तकाली मंदिर है जो बिजयापुर गांव में हैं यहां माता के दांत गिरे बताए जाते है।
नेपाल में शक्तिपीठ (सौ.सोशल मीडिया)
दूसरा देश इस लिस्ट में श्रीलंका का आता है, जहां पर माता सती की पायल गिरी थी इस शक्तिपीठ का नाम इंद्राक्षी शक्तिपीठ मंदिर है, जो जाफना नल्लूर क्षेत्र में स्थित है। यहां पर कहा जाता है कि, वनवास के समय माता सीता को ढूंढने के दौरान भगवान राम ने भी इस शक्तिपीठ की पूजा की थी।
श्रीलंका में शक्तिपीठ (सौ.सोशल मीडिया)
भारत का पड़ोसी देश बांगलादेश भी शक्तिपीठ के लिए जाना जाता हैं यहां पर सबसे ज्यादा 5 शक्तिपीठ मंदिर स्थित हैं। यहां उग्रतारा शक्तिपीठ मंदिर है जहां मा सती की नाक गिरी थी। दूसरा अपर्णा शक्तिपीठ मंदिर है। इस जगह माता के बाएं पैर की पायल गिरी थी। तीसरा श्रीशैल शक्तिपीठ मंदिर है जहां देवी सती का गला गिरा था। चौथा चिट्टागोंग जिले में चट्टल भवानी शक्तिपीठ है जहां दायीं भुजा गिरी थी और पांचवां यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ है, जहां देवी सती की बाई हथेली गिरी था। इसके अलावा जयंती शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध मंदिर को भी शक्तिपीठ कहा जाता है। मान्यता है कि यहां सती माता की बाईं जांघ गिरी थी।
बांग्लादेश में शक्तिपीठ (सौ.सोशल मीडिया)
भारत का पड़ोसी देश कहे जाने वाले पाकिस्तान में भी माता दुर्गा का शक्तिपीठ स्थित हैं। दरअसल यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगुला शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर को लेकर मान्यता कहती हैं कि, यहां माता सती का सिर गिरा था। इस मंदिर को नानी का मंदिर भी कहा जाता है।
पाकिस्तान में शक्तिपीठ (सौ.सोशल मीडिया)
भारत के पड़ोसी देश तिब्बत में भी आपको माता दुर्गा के शक्तिपीठ के दर्शन करने के लिए मिलेंगे। यहां पर एक एक शक्तिपीठ मंदिर है जो मानसरोवर नदी के किनारे ये मंदिर स्थित है जहां माता सती की दांईं हथेली गिरी थी। इसे मनसा देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।
तिब्बत में शक्तिपीठ (सौ.सोशल मीडिया)