विश्व मिट्टी दिवस (सौ.सोशल मीडिया)
World Soil Day 2025: हमारे जीवन में पंचतत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का महत्व है। इस धरती पर ही मौजूद मिट्टी जीवन का अनमोल तोहफा है। खेती के लिए जिस तरह से मिट्टी का महत्व है उस तरह ही मिट्टी के बिना हम जीने की कल्पना नहीं कर सकते है। अगर हमारी मिट्टी ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो हम अन्न-फसल उगा पाएंगे, किसान कैसे खेती कर पाएंगे। मिट्टी के आधार और महत्व को बताने के लिए हर साल की तरह आज यानि 5 दिसंबर को विश्व मृदा या मिट्टी दिवस (World Soil Day) दुनियाभर में मनाया जा रहा है।
इस दिन के मौके पर केवल कार्यक्रम आयोजित कर हम मिट्टी को सुरक्षित नहीं रख सकते है बल्कि हर दिन मिट्टी को सहेजना हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है। मिट्टी को हम हानिकारक पदार्थो से किस तरह बचा सकते है चलिए जानते है इसके बारे में।
विश्व मिट्टी दिवस के मौके पर विशेषज्ञ और कृषि वैज्ञानिक मानते है कि, ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिट्टी बचाने और प्रेरित करने के लिए समुदायों, स्कूलों, किसानों और नीति निर्माताओं को शामिल करना जरूरी है। विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा सकता है जैसे कि वृक्षारोपण, मिट्टी स्वास्थ्य जांच शिविर, कृषि कार्यशालाएँ और जागरूकता अभियान। इसके साथ ही डिजिटल माध्यमों का प्रयोग कर सोशल मीडिया और ऑनलाइन सेमिनार के जरिए भी लोगों को जोड़ना प्रभावी साबित हो सकता है। इस कार्यक्रम के दौरान मिट्टी को किस तरह से हम सहेज सकते है इसका प्रयास भी किया जाना चाहिए।
विश्व मिट्टी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इस बात को बताना जरूरी है कि, मिट्टी और पौधों के साथ काम करते समय सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां हो सकती है। मौजूदा समय में मिट्टी अपना अस्तित्व खोने लगी है हानिकारक और रासायनिक पदार्थों के मिल जाने से मिट्टी की उर्वरकता कम हो गई है। अगर किसान कोई फसल उगाते है इसका उत्पादन पहले की तरह नहीं मिल पाता है। मिट्टी उर्वरक नहीं रही है इसलिए उत्पाद आसानी से उग नहीं पाता है। यहां पर हाथों में दस्ताने पहनना, मास्क का प्रयोग और साफ-सुथरे उपकरणों का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
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आपको बताते चलें कि, भारत में मिट्टी संरक्षण के लिए कई सरकारी योजनाएँ सक्रिय हैं, जिनमें नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर FAO (Food and Agriculture Organization) ने भी मिट्टी संरक्षण और सतत कृषि पर कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विश्व मिट्टी दिवस पर यह बात समझाना जरूरी है कि, मिट्टी संरक्षण केवल कृषि या पर्यावरण का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के जीवन से जुड़ा हुआ है। मिट्टी का सतत प्रबंधन और संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है, इसकी व्यापक सामाजिक और पर्यावरणीय भूमिका को उजागर करता है।