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गंगा में स्नान करने और जल लाने के नियम जान लें, वरना भुगतने पड़ सकते हैं इसके परिणाम

  • By navabharat
Updated On: May 28, 2024 | 12:12 PM
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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: 27 अप्रैल 2023, गुरुवार को ‘गंगा सप्तमी’ (Ganga Saptami 2023) का महापर्व देशभर में मनाया जाएगा। सनातन धर्म में गंगा नदी का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इसका अमृत जल जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति के साथ जुड़ा रहता है। जिस गंगा में आस्था की डुबकी लगाते ही व्यक्ति के पूर्व और इस जन्म से जुड़े सारे दोष और पाप दूर हो जाते हैं, उसके प्राकट्य से जुड़ा गंगा सप्तमी पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भागीरथी कहलाने वाली मां गंगा से जुड़ा यह महापर्व पर गंगा तट पर जाकर स्नान, ध्यान और दान करने की सोच रहे हैं तो आपको विशेष नियमों को जरूर ख्याल रखना चाहिए।

मान्यता के अनुसार, घर में गंगा जल जाने के साथ उसे रखने के लिए भी नियम बताया गया है। घर में गंगा जल हमेशा घर के ईशान कोण में पवित्र स्थान पर रखना चाहिए और इसे कभी भी जूठे हाथों या फिर अपवित्र होकर स्पर्श नहीं करना चाहिए।

‘गंगा सप्तमी’ के दिन गंगा में डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि व्यक्ति को महज 3, 5, 7 या 12 बार ही डुबकी लगानी चाहिए। पहली डुबकी लगाते समय व्यक्ति को देवी देवताओं का ध्यान करना चाहिए और दूसरी डुबकी लगाते समय पूर्वजों का नाम स्मरण करना चाहिए। तीसरी डुबकी लगाते समय परिवार के सदस्यों का नाम स्मरण करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से ना केवल व्यक्ति को बल्कि परिवार के सदस्यों को भी लाभ मिलता है।

ज्योतिषियों के मुताबिक, ‘गंगा सप्तमी’ के पावन पर्व पर यदि आप गंगा जी में स्नान करने जा रहे हैं तो भूलकर भी वहां पर अपने न तो कपड़े धोएं और निचोड़ें और न ही नहाते समय साबुन का प्रयोग करना चाहिए।

गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद गंगाजल से सूर्य को अर्घ्य जरूर प्रदान करें। ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही व्यक्ति को धन, मान-सम्मान एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

सनातन परंपरा में न सिर्फ गंगा स्नान और पूजन करने के लिए नियम बताए गये हैं बल्कि गंगा जल को घर में लाने और उसे रखने के लिए का भी तरीका बताया गया है। यदि आप प्लास्टिक के पात्र में गंगाजल लेकर घर आते हैं तो उसका कोई महत्व नहीं रहता है। मान्यता के अनुसार, गंगा जल को किसी धातु से बने पात्र में रखने से उसकी पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है।

यदि आप गंगा सप्तमी वाले दिन गंगा तट पर जाकर इस पावन पर्व का पुण्यफल पाने के लिए किसी विशेष चीज का दान करना चाहते हैं तो आपको उसे किसी जरूरतमंद या फिर कहें सुयोग्य व्यक्ति को ही इसे देना चाहिए। साथ ही साथ ऐसा करते समय आपको भूलकर भी अभिमान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि अभिमान या फिर प्रदर्शन करते हुए जो भी चीज का दान किया जाता है, उसका पुण्य फल नहीं मिलता है।

Know the rules of bathing and bringing water in the ganges otherwise you may have to face the consequences

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Published On: Apr 27, 2023 | 06:30 AM

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