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नवरात्रि में ‘अखंड- ज्योति’ प्रज्वलित करने की महिमा ज़रूर जानें, हैं विशेष नियम भी

  • By navabharat
Updated On: Oct 07, 2021 | 07:00 AM
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-सीमा कुमारी

नवरात्रि (Navratri) का महापर्व इस वर्ष 7 अक्टूबर, यानी अगले गुरुवार से शुरू हो रहा है, जो 14 अक्टूबर को समाप्त होंगे। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा की कृपा एवं आर्शीवाद पाने के लिए श्रद्धालु ‘अखंड-ज्योति’ (Akhand Jyoti) जलाते हैं। इन पावन दिनों में ‘अखंड ज्योति” का विशेष महत्व होता है।

नवरात्रि शुरू होने के पहले दिन ही कलश स्‍थापित होने के बाद इसे प्रज्वलित किया जाता है और अपने मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है। यह तन और मन में अंधकार को दूर करने का प्रतीक होता है। ‘अखंड-ज्‍योति’ को नवरात्रि (Navratri) में प्रज्‍वलित करने के अपने विशेष नियम होते हैं। इसे पूरे 9 दिन बिना बुझे जलाए रखने का प्रावधान है। यह माना जाता है कि अगर यह पूरे 9 दिन प्रज्‍वलित रही तो पुण्‍य मिलता है और घर में सुख-शांति और सम्‍पन्‍नता आती है। मां का आर्शीवाद पूरे परिवार को मिलता है। लेकिन, अगर यह बुझ गया तो इसे अपशकुन माना जाता है।

मान्‍यता है कि अगर भक्‍त संकल्‍प लेकर नवरात्रि में अखंड-ज्‍योति प्रज्‍वलित करे और उसे पूरी भावना और मन से जलाए रखे तो देवी प्रसन्‍न होती हैं और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरा करती हैं। इस दीपक के सामने जप करने से हजार गुणा फल मिलता है। आइए जानें ‘अखंड-ज्‍योति’ जलाने के नियम के बारे में –

  • ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘अखंड-ज्योति’ जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप घर में अखंड-ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं, तो आप मंदिर में देसी घी अखंड-ज्योति के लिए दान कर सकते हैं। अगर आपके पास ज्योति जलाने के लिए देसी घी नहीं है तो तिल का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • ‘अखंड-ज्योति’ को देवी मां के दाईं ओर रखा जाना चाहिए। ‘नवरात्रि’ समाप्त होने पर ही इसे स्वंय ही समाप्त होने देना चाहिए।
  • ‘अखंड-ज्योति’ के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी रखें कि ज्योति 9 दिनों तक जलती रहे।
  • ‘अखंड-ज्योति’ को शुभ-मुहूर्त देखकर ही प्रज्वलित करना चाहिए। इसे प्रज्वलित करने से पहले दीए में आप थोड़े से चावल भी डाल सकते हैं।
  • ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, अखंड-ज्योति को आप जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे ‘अष्टदल’ बना लें। अखंड-ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से बिल्कुल भी छूना नहीं चाहिए।

Know the glory of lighting akhand jyoti in navratri there are special rules too

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Published On: Oct 07, 2021 | 07:00 AM

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