अभ्यंग स्नान की परंपरा (सौ. सोशल मीडिया)
Abhayanga bath in Roop Chaudas: दीपोत्सव यानि दिवाली के त्योहार को आने में जहां पर कुछ दिन बचे है वहीं इस त्योहार को लेकर तैयारियों का दौर शुरु हो गया है। पांच दिनों के त्योहार की दीवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है फिर रूप चौदस या नरक चतुर्दशी, दीवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज जैसे विशेष दिन आते है। रूप चौदस, जैसा कि नाम से कह सकते है हिंदू पंचांग के अनुसार यह खास पर्व कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है।
इस दिन दीए जलाने और पूजा का महत्व तो होता है लेकिन अभ्यंग स्नान और उबटन लगाने की परंपरा सबसे खास होती है। शरीर की शुद्धि और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए यह परंपरा निभाई जाती है।
अभ्यंग स्नान की परंपरा की शुरुआत पौराणिक कथाओं में मिलती है। कहते है कि, भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर का वध करने के बाद तेल से नहाए थे। जिसके बाद यह प्रथा शुरू हुई। कहा जाता है कि इस स्नान को करने से नरक से मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता हैं।
नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के दिन की अभ्यंग स्नान की परंपरा बेहद खास होती है। यह परंपरा अभ्यंग स्नान चेहरे की सुंदरता को निखारने के लिए की जाती है। इस अभ्यंग स्नान को करने के लिए रूप चौदस के दिन सुबह जल्दी उठकर शरीर पर तेल की मालिश की जाती है। कुछ लोग तेल में हल्दी, आटा, बेसन मिलाकर उबटन तैयार करके शरीर पर लगाकर नहाते हैं। अभ्यंग स्नान करते हुए नहाने के पानी में चिड़चिड़ी के पत्ते भी डाले जाते हैं। इस तरह से किए हुए स्नान को ही अभ्यंग स्नान कहा जाता है। आसान शब्दों में समझें तो औषधीय तेलों से मालिश करने के बाद किया जाने वाला स्नान अभ्यंग स्नान होता है।
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अगर आप रूप चौदस के दिन अभ्यंग स्नान करते है तो आपको इसके फायदे मिलते है।
1- इस स्नान को करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
2- अभ्यंग स्नान करने से मानसिक तनाव दूर होता है तो वहीं पर अवसाद कम करने का काम करता है।
3- इस स्नान में तेल की मालिश से शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्राव बढ़ता है, जिससे मानसिक सुकून मिलता है।
4- यहां पर अभ्यंग स्नान करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और चेहरे और मांसपेशियों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंच पाते है।
5- यह परंपरा अपनाने से शरीर को आराम मिलता है तो वहीं पर व्यक्ति को अच्छी और गहरी नींद आती है।
6- शरीर की सफाई या बॉडी डिटॉक्स करने के लिए अभ्यंग स्नान बेहतर होता है। इसे करने से डेड स्किन बाहर निकलती हैं। जिससे त्वचा चमकदार बनती है।