जानिए जिद्दी बच्चों को कैसे संभाला जाएं (सौ.सोशल मीडिया)
Parenting Tips: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा आज्ञाकारी, समझदार और शांत स्वभाव का हो। लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वह अपनी बात मनवाने के लिए जिद करना शुरू कर देता हैं। ऐसे में जिद्दी बच्चों को संभालना पैरेंट्स के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन जाती है। बच्चों को नहलाने से लेकर, खाना खिलाने, सोने तक हर बात पर बच्चों को समझाने से मुश्किल काम औऱ कोई नहीं रह जाता है।
ऐसे में पैरेंट्स समझ नहीं पाते कि बच्चे को किस तरह शांत करवाया जाए या उसकी ये बुरी आदतें कैसे छुड़ाएं? यहां ऐसे ही कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप जिद्दी बच्चे की बदतमीजी की आदत छुड़वा सकते हैं और उसकी जिद पूरी करने से बच सकते है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप चाहते हैं कि आपका जिद्दी बच्चा आपकी सुने तो इसके लिए आपको खुद उनकी बात ध्यान से सुननी होगी। मजबूत इच्छाशक्ति वाले बच्चों की राय भी बहुत मजबूत होती है और वे कई बार बहस करने लगते हैं।
अगर आप उनकी बात नहीं सुनेंगे तो वे और ज्यादा जिद्दी हो जाएंगे। इसलिए एक पैरेंट्स होने के नाते आपको अपने बच्चों की बात सुननी चाहिए और उनसे बहस करने से बचना चाहिए।
बच्चे के रोने या जिद करने पर अगर आप तुरंत उसकी मांग पूरी कर देते हैं तो यह आदत आप तुरंत छोड़ दें। क्योंकि आपका ऐसा करना उसकी सहनशीलता को कम करता है और ना सुनने की आदत नहीं डेवलप हो पाती है।
आपको बता दें, कई बार बच्चा रोकर या गुस्सा होकर अपनी जिद आपके सामने रखता है तो आपको पिघलना नहीं है। उसके व्यवहार को सुधारें। उसे एहसास कराएं कि इन सब हरकतों से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता।
कभी-कभी जिद का कारण सिर्फ ध्यान खींचना होता है। ऐसे में तुरंत माहौल बदल दें, जैसे कोई मजेदार सवाल पूछें या कोई खेल शुरू करें। इससे बच्चा जिद को भूलकर नई एक्टिविटी में लग जाता है।
एक्सपर्ट्स बताते है कि, बहुत से पेरेंट्स बच्चे से इमोशनल बॉन्डिंग को जाहिर करने के लिए उन्हें गिफ्ट्स देते हैं। ऐसा बिलकुल भी ना करें। उसके साथ समय बिताएं और बातें करें। तभी वह ‘ना’ को बेहतर ढंग से समझना और स्वीकारना सीख पाएगा।
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पेरेंट्स अपनी पेरेंटिंग में ये कुछ आसान बदलाव कर बच्चों के बिहेवियर में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इन तरीकों से बच्चा ना सुनना सीखेगा और अपने जिद करने की आदत को भी धीरे-धीरे छोड़ देगा।