Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Independence Day |
  • Parliament Session |
  • Weather Update |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

भाषाओं को कैसे खत्म कर रहा जलवायु परिवर्तन, पढ़े यहां रिपोर्ट

वर्ष 2021 में अमेरिका में 98 प्रतिशत स्वदेशी भाषाएं और ऑस्ट्रेलिया में 89 प्रतिशत स्वदेशी भाषाएं विल्पुत होने की कगार पर थीं। दोनों ही देशों का औपनिवेशिक इतिहास रहा है ....

  • By वैष्णवी वंजारी
Updated On: Feb 22, 2025 | 12:17 PM
Follow Us
Close
Follow Us:

मेलबर्न: अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य के केलर में रहने वाली पॉलिन स्टेन्सगर का दो मई 2023 में 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया और उनके साथ उनकी भाषा भी खत्म हो गई। स्पोकाने के स्पोक्समैन रिव्यू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पॉलिन ‘इन-हा- उम-चीन’ भाषा बोलने वाली अंतिम व्यक्ति थीं। वॉशिंगटन राज्य क्षेत्र में अमेरिका के रहने वाले कुछ समूह इस भाषा में बात किया करते थे। पॉलिन के अपनी भाषा के प्रति प्यार को धन्यवाद, जिसकी वजह से हम इस भाषा से पूरी तरह अनजान नहीं हैं।

सैलिश स्कूल ऑफ स्पोकाने के प्रधानाचार्य क्रिस्टॉफर पार्किन ने बताया कि पॉलिन स्टेन्सगर ने छह पाठ्यपुस्तकों की रचना की और उनके पास भाषा की 100 से ज्यादा रिकॉर्डिंग हैं। अगर कोई भी ‘इन-हा-उम-चीन’ सीखना चाहता है तो वह सीख सकता है। लेकिन कुछ विलुप्त भाषाएं, ‘इन-हा-उम-चीन’ जितनी भाग्यशाली नहीं हैं। हम इन्हें हमेशा के लिए खो सकते हैं। दुनिया के कुछ हिस्से भाषाओं के संदर्भ में समृद्ध हैं लेकिन वहां लाखों लोग पर्यावरणीय आपदाओं के चलते विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं, जो भाषाओं के विलुप्त होने का एक प्रमुख कारण है।

दुनियाभर में आज सात हजार से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं, जिनका इतिहास है और इन्हें बोलने वालों के पास इनका ज्ञान भंडार है। जब इन भाषाओं को बोलने वाले लोग अपने बच्चों को ही यह भाषाएं नहीं सिखाएंगे तो हम इन भाषाओं को खो देंगे। ऐसा अक्सर तब होता है जब कम प्रचलित भाषा बोलने वाले लोग आर्थिक रूप से अधिक लाभप्रद भाषाओं को अपना लेते हैं। इसमें कहीं न कहीं प्रवास ने एक अहम भूमिका निभाई है। उदाहरण के लिए अमेरिका में दूसरी पीढ़ी के अधिकतर आप्रवासी धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं जबकि उनके माता-पिता की भाषा अंग्रेजी नहीं थी।

उनके माता-पिता की भाषा के बजाय अंग्रेजी आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से अधिक लाभकारी है।  वर्ष 2021 में अमेरिका में 98 प्रतिशत स्वदेशी भाषाएं और ऑस्ट्रेलिया में 89 प्रतिशत स्वदेशी भाषाएं विल्पुत होने की कगार पर थीं। दोनों ही देशों का औपनिवेशिक इतिहास रहा है और पिछली शताब्दियों में यूरोप से बड़े पैमाने पर लोग यहां आकर बसे हैं। इसलिए आज का प्रवास संभवतः कल की भाषा को नुकसान पहुंचाएगा। प्रवास का एक बहुत बड़ा कारण पर्यावरणीय आपदाएं हैं।

मौजूदा प्रवासन चलन में जबरन प्रवास एक बड़ी और अहम भूमिका निभाता है। ‘ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट 2022′ के मुताबिक, 2022 में 10.8 करोड़ से अधिक लोग जबरन विस्थापित हुए और उनमें से लगभग 6.10 करोड़ लोग अपने ही देश में विस्थापित होने के लिए मजबूर थे।  पापुआ न्यू गिनी में कम से कम 90 लाख लोग रहे हैं और वे कुल मिलाकर 839 अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से 313 भाषाएं विलुप्त होने की कगार पर हैं। वानुअतु में तीन लाख लोग रहते हैं और 108 अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से आधी से ज्यादा भाषाएं विलुप्त होने वाली हैं। इंडोनेशिया में 704 भाषाएं, भारत में 424 भाषाएं और फिलिपीन में 175 भाषाएं बोली जाती हैं और इन तीनों देशों में आधी भाषाएं संकट में हैं।(एजेंसी)

How climate change is destroying languages read the report here

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 16, 2023 | 02:48 PM

Topics:  

  • Climate Change
  • World Bank

सम्बंधित ख़बरें

1

IFC को मिला इंडीग्रिड का सहारा, बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए मिलेगी मदद

2

युद्ध की आग में जल रहे कई देश, गरीबी और भूखमरी से लोगों का बुरा हाल; 20% गिरी आय

3

नवभारत विशेष: भीषण गरीबी के शिकंजे में करोड़ों देशवासी, कैसे छटेंगे ये कठिन दिन

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.