सीमा कुमारी
नई दिल्ली: किचन में ऐसी कई सब्जियां होती हैं जिनका इस्तेमाल हम हर दिन करते हैं, बल्कि कुछ सब्जियों के बिना हमारी डिश कम्प्लीट ही नहीं मानी जाती है। जिसमें से एक है प्याज। प्याज आपके खाने में जान डालने का काम करता है। इतना ही नहीं काफी लोग प्याज का सेवन सलाद के रूप में भी करते हैं। प्याज खाने के लिए हमेशा से सलाह दी जाती रही है। सल्फर युक्त इस खाद्य पदार्थ में कई गुण हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे कच्चा खाने (Raw Onions) से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं ? प्याज को पकाने से उसका स्वाद बढ़ सकता है। लेकिन, इसका भरपूर तत्व तो कच्चा खाने से ही मिलता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। आइए जानें कच्चा प्याज खाने के फायदों के बारे में।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कच्चा प्याज कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है, ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिससे हड्डी का नुकसान होता है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आपको आयरन की कमी है तो आप अपनी डाइट में प्याज को शामिल कर सकते हैं। प्याज को आयरन, फोलेट और पोटेशियम के गुणों से भरपूर माना जाता है। प्याज के सेवन से शरीर को हेल्दी और आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है।
कच्चे प्याज में विटामिन-C होता है, जो स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक है। विटामिन-C सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ते हैं। कच्चा प्याज खाने से सर्दी, फ्लू और अन्य सांस की बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी मदद मिल सकती है।
प्याज कई तरह के रसायनों का खजाना माना जाता है। जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, प्याज में क्वेरसेटिन नाम का पोषक तत्व होता है, जो सबसे समृद्ध पोषक तत्वों में से एक होता है। इसका काम कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की निर्माण को रोकना है। प्याज के सेवन से लंग्स कैंसर होने का खतरा कम रहता है।
कच्चे प्याज में एलिल प्रोपाइल डाइसल्फ़ाइड नामक यौगिक होता है, जो टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। एलिल प्रोपाइल डाइसल्फ़ाइड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने का काम करता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए शरीर को अधिक प्रभावी ढंग से इंसुलिन का उपयोग करने में मदद मिलती है।