Dussehra Message 2025: आज देशभर में दशहरा यानि विजयदशमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यह दिन खास होता है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह दिन हर किसी के लिए हर्षोल्लास का पर्व है। इस खास मौके पर आप अपनों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दे सकते है।
दशहरा के दिन नवरात्रि की दशमी तिथि होती है यानि नवरात्रि की समाप्ति मानी जाती है। इसके अलावा आज बुराई के प्रतीक रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद के विशाल पुतले बनाकर उन्हें जलाया जाता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग पटाखों और आतिशबाजी से इस बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक को मनाते है।
विजयादशमी के दिन शक्ति और विजय की कामना के लिए शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इसी दिन पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान छिपाए गए शस्त्रों को वापस निकाला था और कौरवों पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए, इस दिन लोग अपने शस्त्रों और औजारों की पूजा करते हैं।
दशहरे के दिन अपराजिता देवी की पूजा का भी विधान है, जिन्हें देवी दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन महिषासुर का वध कर माता कात्यायनी विजयी हुई थीं।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में, दशहरा दुर्गा पूजा के समापन का दिन होता है। वहीं पर इस आखिरी दिन पर देवी दुर्गा की मूर्तियों को विधि-विधान से जल में विसर्जित किया जाता है।
दशहरा पर शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। इस पेड़ को 'सोने का पेड़' भी कहते हैं। पूजा के बाद इसके पत्तों को 'सोना' मानकर एक-दूसरे को भेंट किया जाता है, जो समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। कहा जाता है कि, भगवान राम ने रावण से युद्ध से पहले शमी की पूजा की थी।