केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, UBT अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Ramdas Athawale News: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से ‘सामना’ में चुनाव आयोग पर दिए बयान को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उद्धव ठाकरे को घेरा है। उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे कानूनी आधार पर बात नहीं करते हैं, उन्हें अपनी पार्टी को लेकर खुद को दोष देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन को पत्थर बोलना ठीक नहीं, वो पैंथर है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, अगर दो तिहाई मेजोरिटी उद्धव ठाकरे के पास होती तो उस पार्टी का सिंबल और उस पार्टी का नाम उन्हें मिलता। यह निर्णय कानूनी है, उसके मुताबिक एकनाथ शिंदे जी के साथ 56 में से 40 विधायक आ गए। ऑटोमेटिकली उन्हें दो तिहाई मेजोरिटी मिली थी। इसलिए मुझे लगता है कि इलेक्शन कमीशन को दोष देना ठीक नहीं है।
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ‘सामना’ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान केंद्र और राज्य सरकार के साथ बीजेपी और चुनाव आयोग पर हमला बोला था। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ‘ठाकरे ब्रांड’ को समाप्त करने की कोशिश हो रही है, लेकिन जनता ही उन प्रयासों को निष्फल करेगी। उनका अस्तित्व खत्म करना आसान नहीं है। प्रदेश की जनता उनको पसंद करती है।
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उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि ठाकरे सिर्फ एक ब्रांड नहीं है। यह ब्रांड मतलब महाराष्ट्र की, मराठी माणुस की, हिंदू अस्मिता की पहचान है। इस पहचान को मिटाने की कोशिश कुछ लोगों ने की। मिटाने की इच्छा रखने वाले खुद ही मिट गए। कई लोग आए, कई लोग चले गए। जनता ने ही उन्हें मिटा दिया।
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ‘चुनाव आयोग यानी ‘पत्थर’ है। उस पत्थर पर सिंदूर लगा देने मात्र से ‘शिवसेना’ नाम और धनुष-बाण चिह्न किसी और को देने का अधिकार उसे नहीं मिल जाता। अगर मैं कल चुनाव आयुक्त का नाम बदलकर पत्थर रख दूं, तो चलेगा क्या? इस पत्थर को पक्ष का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। देश के लोगों को हमेशा अशांत, अस्थिर और चिंतित बनाए रखना ही BJP की नीति है। लेकिन लोगों को हमेशा मूर्ख बनाकर नहीं रखा जा सकता।
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अगर हमने कुछ उल्टा व्यवहार किया होता तो बात अलग थी। लेकिन अगर हमने संविधान के अनुसार कोई गलती नहीं की हो तो वे हमारा चिह्न भी नहीं छीन सकते। वोट प्रतिशत वगैरह जो भी है, वह सिर्फ चिह्न तक सीमित है। नाम किसी और को नहीं दे सकते।