सीएम देवेंद्र फडणवीस (pic credit; social media)
Umeed Mall for Womens: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। इस बैठक में 10 जिलों में ‘उम्मीद मॉल’, तीन जिलों में विशेष अदालतें, मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान सहित कुल 8 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों खासकर उम्मीद मॉल एवं महिलाओं के यौन शोषण मामलों में आरोपियों के खिलाफ झटपट कार्रवाई के लिए स्पेशल कोर्ट को मंजूरी देकर सीएम फडणवीस ने रक्षाबंधन से पहले बहनों को राखी का गिफ्ट दे दिया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ अन्य मंत्री भी मौजूद थे।
कैबिनेट बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के ‘उम्मीद-महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका उत्थान मिशन’ के अंतर्गत राज्य के 10 जिलों में ‘उम्मीदमॉल’ (जिला विक्रय केंद्र) की स्थापना को मंजूरी दी गई, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध कराया जा सके। योजना के लिए कुल 200 करोड़ रुपए के कोष को मंजूरी दी गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के विभिन्न उत्पादों को स्थानीय और राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन केंद्रों की स्थापना की जाएगी। पहले चरण में यह मॉल 10 जिलों में लागू किया जाएंगे और बाद में इस योजना का चरणबद्ध तरीके से अन्य जिलों में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक उम्मीद मॉल के लिए अधिकतम 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और ये मॉल जिला परिषद की जमीन पर स्थापित किए जाएंगे।
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महिलाओं के यौन शोषण के मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए गोंदिया, रत्नागिरी और वाशिम में विशेष अदालतों की स्थापना को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। इन तीन नव स्थापित अदालतों के लिए, प्रत्येक में 5 नियमित पद (1 जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, 1 आशुलिपिक, 1 अधीक्षक, 1 वरिष्ठ क्लर्क, 1 कनिष्ठ क्लर्क) और प्रत्येक में 2 जनशक्ति सेवाएं (1 कांस्टेबल, 1 कांस्टेबल) बाहरी तंत्र के माध्यम से अनुमोदित की गई हैं।
अब तक राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए 27 विशेष अदालतें स्थापित की गई हैं। इन अदालतों में बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया गया है। इन अदालतों की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए, अत्याचारों की शिकार महिलाओं को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए गोंदिया, रत्नागिरी और वाशिम में विशेष अदालतें स्थापित करने का निर्णय लिया गया।