उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में किसानों के मुआवजे को लेकर सियासत तेज हो गई है। देशभर में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर मुआवजे का ऐलान कर रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में है।
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे किसानों के मुआवजे के लिए आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं। पार्टी का कहना है कि किसानों को समय पर मुआवजा मिलना चाहिए और सरकार को इसे शीघ्र पूरा करना होगा। वहीं, इस पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है।
बीजेपी नेता और मंत्री गिरीश महाजन ने उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा, “यह सब मगरमच्छ के आंसू हैं। सत्ता में अलग, विपक्ष में अलग बात करने वाले नेता किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। कोविड के समय भी जब हजारों लोग मर रहे थे, उद्धव जी घर पर बैठकर कंप्यूटर पर देखते रहे। अब किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।”
महाजन ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। “मेरी पार्टी, मेरा कॉर्पोरेशन, मेरी दुकान। ढाई साल तक न मंत्रालय की सीढ़ियां चढ़ीं, न विधानभवन आए। अब किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं।”
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वहीं, महाजन ने वर्तमान सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार किसानों के साथ खड़े हैं। सरकार किसानों का पंचनामा तेजी से कर रही है और जैसे-जैसे काम पूरा हो रहा है, मुआवजे की रकम किसानों के खातों में डाली जा रही है। महाजन का कहना है कि दिवाली तक सभी किसानों को राहत मिल जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों के लिए समय पर मुआवजा और उचित मदद सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। विपक्ष का आंदोलन इस मामले में प्रशासनिक जवाबदेही और समयबद्ध कार्यवाही पर जोर देने की दिशा में है।
राजनीतिक पारा चढ़ने के बावजूद, किसानों की भलाई और उनके नुकसान की भरपाई अब भी सबसे अहम मुद्दा बना हुआ है। जनता और किसान दोनों ही चाहते हैं कि राहत जल्द पहुंचे और प्राकृतिक आपदा के कारण हुई क्षति का उचित मुआवजा मिले।